मंडी न्यूज: सन्यारड़ में जमीन धंसने से ताश के पत्तों की तरह गिर रहे घर, अभी भी करीब 20 मकानों पर मंडरा रहा खतरा

मंडी। नगर निगम मंडी के तहत आने वाले सन्यारड़ के ग्रामीणों की रातों की नींद और दिन का चैन छिन गया है। जीवन भर पाई-पाई जोड़कर बनाए गए इनके आशियानों को जमीन कब निगल जाए कोई नहीं जानता। अपने आशियानों को बचाने के लिए ये लोग सरकार से गुहार लगा रहे हैं। सन्यारड़ धार के धंसने से यहां एक बार फिर से दर्जनों घरों के उपर खतरे के बादल मंडरा रहे हैं. बीते तीन सालों से भारी बारिश के बाद यहां लगातार जमीन धंस रही है और एक के बाद एक लोगों के घर, रास्ते आंखों के सामने रेत के ढेर की तरह गिर रहे हैं। बरसात के कारण अभी तक यहां 3 घर गिर चुके हैं, जबकि चौथा गिरने की कगार पर है।

ग्रामीणों का कहना है कि अगर यह चौथा घर गिर जाता है तो फिर इसके बाद 20 अन्य घरों के भी गिरने का खतरा पैदा हो जाएगा। लोग इन दिनों खतरे के साए में अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। मौके पर हालात ऐसे हैं कि लोगों को पैदल चलने के लिए भी रास्ता नहीं बचा है, जिससे आने-जाने के लिए बच्चों और बुजुर्गों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। प्रभावित नर्बदा चौहान, दुर्गा दास, भावना और बीआर ठाकुर ने बताया कि, ‘वर्ष 2022 की बरसात के दौरान यहां जमीन धंसने का सिलसिला शुरू हुआ। उसके बाद प्रशासन की तरफ से सुरक्षा दीवार भी लगाई गई, लेकिन 2023 की बरसात में सुरक्षा दीवार भी गिर गई और 3 घर भी जमींदोज हो गए. यहां जमीन धंसने का सिलसिला लगातार जारी है, जिस कारण अब एक अन्य घर पर भी गिरने का संकट मंडरा रहा है. इसके साथ ही 20 अन्य घर पर भी खतरे की जद में हैं।’

यह भी पढ़ें 👉  तिहाड़ जेल में मिला शिमला हाईकोर्ट का भगोड़ा चिट्टा तस्कर

सरकार से पीपीआर को जल्द मंजूर करने की गुहार
प्रभावित रणधीर सिंह और आकाश सर्बवाल ने बताया कि, ‘सरकार का कोई नुमाइंदा अभी तक इनकी सुध लेने मौके पर नहीं आया है. जिला प्रशासन की तरफ से मदद की गई थी, लेकिन वो भी काम नहीं आई। अब जिला प्रशासन ने इसकी पीपीआर बनाकर सरकार को भेजी है. ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार से इस पीपीआर को जल्द से जल्द मंजूर करने की गुहार लगाई है, ताकि समय रहते यहां पर धंस रही जमीन को बचाने की कवायद की जा सके और लोगों के घरों को सुरक्षित रखा जा सके।’

यह भी पढ़ें 👉  सोलन न्यूज: फोर्टिस मोहाली में जटिल हार्ट ब्लॉकेज से पीड़ित 81 वर्षीय महिला को इंट्रावास्कुलर लिथोट्रिप्सी (आईवीएल) के माध्यम से मिला नया जीवन

‘प्रशासन कर रहा हर संभव मदद’
वहीं, जब इस बारे में एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि, ‘जिला प्रशासन सन्यारड़ में धंस रही जमीन के मामले में पूरी संजीदगी से काम कर रहा है। यहां जमीन धंसने के कारणों का पता लगाने के लिए सर्वे भी करवाया गया है। इसकी एक कंपलीट पीपीआर बनाकर सरकार को भेज दी गई है. प्रभावितों की प्रशासन की ओर से हर संभव मदद की जा रही है।’

यह भी पढ़ें 👉  3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि का शुभारंभ, माता की भक्तों पर बरसेगी कृपा!

बता दें कि सन्यारड़ की पहाड़ी पर बहुत बड़ी संख्या में लोगों ने अपने घर बना रखे हैं और जहां से इस पहाड़ी की जमीन धंसने का सिलसिला शुरू हुआ है वो एक तरह से भविष्य के लिए खतरे के संकेत हैं। यदि समय रहते यहां इसकी रोकथाम के पुख्ता प्रयास नहीं किए गए तो फिर भविष्य में इसके खतरनाक परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *