शिमला न्यूज: हिमाचल में ‘शौचालय कर’ का कोई प्रस्ताव नहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने दी सफाई
शिमला। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नई दिल्ली में पत्रकारों से बातचीत के दौरान हिमाचल प्रदेश में ‘शौचालय कर’ लगाए जाने के दावों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार का ऐसा कोई भी प्रस्ताव नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए इस तरह की बेतुकी और आधारहीन बयानबाजी करने से परहेज किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा धर्म के नाम पर राजनीति कर रही है। इस तरह के मुद्दों को राजनीतिक लाभ लेने के लिए राजनीतिक रंग देने का प्रयास नहीं करना चाहिए, विशेषकर उस स्थिति में जब आरोप वास्तविकता से परे हों।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2022 के विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए भाजपा ने 5,000 करोड़ की रेवड़ियां बांटीं जिसमें मुफ्त पानी की घोषणा भी शामिल थी, लेकिन भाजपा के इन लोक-लुभावन वादों को अधिमान न देते हुए प्रदेश की प्रबुद्ध जनता ने कांग्रेस पार्टी के पक्ष में मतदान किया जिसके फलस्वरूप एक मजबूत सरकार का गठन हुआ। उन्होंने कहा कि भाजपा ने कुछ पांच सितारा होटलों को भी मुफ्त पानी देने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि इसके दृष्टिगत पानी पर सब्सिडी का युक्तिकरण करते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति कनेक्शन 100 रुपये बिल का भुगतान तय किया है। वहीं, आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों को प्रदेश के हित में पानी के बिल की अदायगी करने में कोई परेशानी नहीं है।
हिमाचल प्रदेश जल शक्ति विभाग ने मीडिया में प्रकाशित उस खबर का खंडन किया है जिसमें यह कहा गया है कि भवन मालिक की ओर से स्थापित सीटों की संख्या के आधार पर सीवरेज कनेक्शन दिए जाएंगे। विभाग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई अधिसूचना वर्तमान सरकार द्वारा जारी नहीं की गई है। सीवरेज कनेक्शन पूर्व की भांति ही प्रदान किए जाते रहेंगे। हमारा लक्ष्य 100 प्रतिशत कनेक्टिविटी प्राप्त करना है, ताकि प्रदूषण को कम किया जा सके और सीवरेज के उचित उपचार को सुनिश्चित किया जा सके। हाल ही में केवल पानी के शुल्क के संबंध में अधिसूचना जारी की गई है, जबकि अन्य सभी चीजें यथावत रहेंगी।