17 नवंबर को बंद होंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, केदारनाथ, गंगोत्री और यमोत्री के कपाट इस दिन होंगे बंद

चमोली। बदरीनाथ धाम के कपाट रविवार 17 नवंबर रात्रि 9 बजकर 7 मिनट पर शीतकाल हेतु बंद हो जायेंगे। विजय दशमी के पर्व पर बदरीनाथ मंदिर परिसर मे बदरीनाथ मंदिर के धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल ने बदरीनाथ के रावल अमरनाथ नम्बूदरी के सानिध्य में पंचाग अध्ययन के बाद इस वर्ष के यात्रा अवधि में‌ बदरीनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की घोषणा की। जबकि, गंगोत्री धाम के कपाट 2 नवंबर जबकि, यमुनोत्री धाम के कपाट 3 नवंबर को बंद होंगे।


विजयदशमी के पवित्र अवसर पर पंचकेदारों में द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर और तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की घोषणा कर दी गई। द्वितीय केदार मद्महेश्वर के कपाट 20 नवम्बर और तुंगनाथ के कपाट 4 नवम्बर को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जाएंगे।

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वहीं हर वर्ष की तरह इस बार भी परम्परानुसार विश्व प्रसिद्ध केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज को बंद होंगे और केदारनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली 5 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पहुंचेगी।


विजयदशमी पर्व के मौके पर ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में आचार्य, वेदपाठी और बदरी-केदार मंदिर समिति के कर्मचारियों की उपस्थिति में सुबह साढ़े नौ बजे पंचाग गणना के अनुसार मध्यमहेश्वर मन्दिर के कपाट बंद होने की तिथि निकाली गई।


द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट 20 नवम्बर को साढे़ आठ बजे वृश्चिक लग्न में शीतकाल के लिए बंद होंगे। दूसरी ओर तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि मक्कूमठ स्थित मार्कडेय मंदिर में तय की गई। भगवान तुंगनाथ के कपाट 4 नवम्बर को साढ़े 11 बजे शीतकाल के लिए बंद होंगे।

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वहीं भगवान मध्यमहेश्वर की डोली ओंकारेश्वर मन्दिर पहुंचने पर ऊखीमठ में त्रिदिवसीय मध्यमहेश्वर मेले का आयोजन किया जाएगा। 22 से 24 नवम्बर तक मेले का आयोजन किया जाएगा।


इस मौके पर इस मौके पर आचार्य यशोधर मैठाणी,आचार्य विजय भारत मैठाणी,मठापति रामप्रसाद मैठाणी,सत्य प्रसाद सेमवाल, डीएस भुजवान,रमेश नेगी,नवीन मैठाणी,मदन सिंह रावत,विदेश शैव,प्रबन्धक बलबीर नेगी,मुकेश मैठाणी,विनोद मैठाणी, रविन्द्र मैठाणी,देवानंद गैरोला,शंकर स्वामी,बिरेश्वर भट्ट आदि थे।



बाबा केदारनाथ डोली यात्रा कार्यक्रम 3 नवम्बर को भैयादूज के पावन पर्व पर प्रात 8.30 बजे कपाट बंद होंगे। इसी दिन बाबा केदार की पंचमुखी भोग मूर्ति चल विग्रह उत्सव डोली में विराजमान होकर रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी।
4 नवम्बर को विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी में रात्रि प्रवास। 5 नवम्बर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी डोली। छह माह तक भक्त यहीं बाबा केदारनाथ के दर्शन करेंगे।
द्वितीय केदार मध्यमहेश्वर भगवान डोली यात्रा कार्यक्रम: 20 नवम्बर को भगवान की उत्सव डोली पहले दिन रात्रि विश्राम के लिए गौंडार पहुंचेगी। 21 नवम्बर को गोण्डार से रांसी, 22 नवम्बर को रांसी से गिरिया एवं 23 नवम्बर को गिरिया से शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान होगी।
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ डोली यात्रा कार्यक्रम : 4 नवम्बर को प्रातः साढ़े ग्यारह बजे कपाट बंद होने के बाद इसी दिन डोली रात्रि विश्राम के लिए चोपता पहुंचेगी। 5 को चोपता से रात्रि विश्राम के लिए भनकुन, 6 को भी डोली भनकुन में रहेगी व 7 नवम्बर को डोली शीतकालीन गद्दीस्थल र्मार्केडेण्य मंदिर मक्कूमठ में विराजमान होगी।

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