विश्व तम्बाकू निषेध दिवस : पढ़े क्या कहते हैं एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त
विश्व तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई तम्बाकू का सेवन न केवल मुंह के कैंसर का कारण है अपितु यह फेफड़ों में भी कैंसर पैदा करता है। स्थिति यह है कि प्रतिवर्ष तम्बाकू का सेवन करने से प्रत्येक 10 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। इस पर रोक लगाने के लिए समाज के प्रत्येक वर्ग को अपनी भूमिका निभानी होगी।
मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तम्बाकू का सेवन करना है। जो लोग तम्बाकू का सेवन करते हैं उन्हें मुंह के कैंसर की शत प्रतिशत संभावना होती है। स्वास्थ्य की दृष्टि से यह शरीर में कई अन्य बीमारियों का कारण भी बनता है। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर अपने संदेश में एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त ने कहा कि तम्बाकू हृदय की कोरोनरी वाहिकाओं को प्रभावित करता है। इसकी वजह से हृदय में रक्त की आपूर्ति की कमी हो जाती है। इसे इस्कीमिक या कोरोनरी हृदय रोग कहते हैं। उन्होंने बताया कि मुंह के कैंसर का प्रमुख कारण तम्बाकू ही है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक 10 में से 1 व्यक्ति की मृत्यु तम्बाकू के सेवन की वजह से हो जाती है। उन्होंने तम्बाकू सेवन को स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक बताया। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रोफेसर रवि कान्त ने बताया कि विश्वभर में तम्बाकू का सेवन पूरी तरह से रोकने अथवा कम करने के लिए वर्ष 1988 से ’विश्व तम्बाकू निषेध दिवस’ मनाया जा रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि समाज के प्रत्येक व्यक्ति को तम्बाकू सेवन से बढ़ते जानलेवा खतरे को समझने की जरूरत है।
सर्जिकल ओंकोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ. एसपी अग्रवाल ने बताया कि तम्बाकू का सेवन करने वाले लोगों में अन्य लोगों की तुलना में कैंसर का खतरा 6 से 8 गुना ज्यादा होता है। यदि तम्बाकू सेवन करने वाला व्यक्ति शराब का भी आदी हो तो फिर यह खतरा 10 गुना बढ़ जाता है। उन्होंने कहा कि जो लोग बीड़ी, सिगरेट, चिलम अथवा हुक्का आदि से तम्बाकू का सेवन करते हैं ऐसे लोग जीभ अथवा तालुका के कैंसर से ग्रसित हो जाते हैं। जबकि तम्बाकू को पान आदि में मिलाकर खाने वाले लोगों में जबड़े और गाल का कैंसर होता है। डॉ. अग्रवाल ने बताया कि कैंसर होने से पहले के लक्षणों के नजर आने पर यदि समय रहते इलाज शुरू कर दिया जाए तो इसके गंभीर नुकसानों से बचा जा सकता है। उन्होंने बताया कि मुंह में पानी का ठंडा या गर्म लगना, गाल अथवा मुंह में छाले उभरना, मुंह का कम खुलना और मुंह में बदबू आना आदि तम्बाकू के सेवन से होने वाले मुंह के कैंसर के प्राथमिक लक्षण हैं।
इन लक्षणों के नजर आने पर तत्काल उपचार शुरू कर देना चाहिए। इसके अलावा तम्बाकू का सेवन करने वालों को फेफड़ों का कैंसर भी हो जाता है। यह विभिन्न कारणों से स्वास्थ्य के लिए घातक है। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज के अध्यापकों, समाजसेवी संस्थाओं, जनप्रतिनिधियों और समाज के प्रत्येक वर्ग को इस मामले में जन जागरुकता के लिए बढ़चढ़कर सहभागिता की आवश्यकता है।