आज पर्यावरण दिवस पर खास: सुरक्षा और दायित्व जरूरी
बरेली। जल, जंगल और जमीन, इन तीन तत्वों के बिना प्रकृति अधूरी है। विश्व में सबसे समृद्ध देश वही हुए हैं, जहां यह तीनों तत्व प्रचुर मात्रा में हों। हमारे भारतवर्ष में यह तीनों ही तत्व प्रचुर मात्रा में उपस्थित है। एक ओर जहां हम विकास करने की होड़ में प्रकृति का विनाश करते जा रहे हैं वहीं दूसरी ओर प्रकृति द्वारा विनाश किए जाने पर हम अपने आप को असहाय पाते हैं।
अधिक मात्रा में प्रकृति के दोहन से आज प्रत्येक देश इसकी मार झेल रहा है। जंगलों, नदियों, तालाबों और पहाड़ों को बचाना अब बहुत जरुरी है। ये रहेंगे तभी हमारा पर्यावरण स्वस्थ रहेगा और हम सभी स्वस्थ रहेंगे।
वरिष्ठ मीडिया कर्मी, उपजा प्रेस क्लब के सचिव एवं कई सामाजिक संस्थाओं से जुड़े आशीष कुमार जौहरी के अनुसार आज हमें सबसे ज्यादा जरूरत है, पर्यावरण संकट के मुद्दे पर आम जनता और सुधी पाठकों को जागरूक करने की । दिनों दिन गम्भीर रूप लेती इस समस्या से निपटने के लिए आज आवश्यकता है एक ऐसे अभियान की, जिसमें हम सब स्वप्रेरणा से सक्रिय भागीदारी निभाएँ। इसमें हर कोई नेतृत्व करें, क्योंकि जिस पर्यावरण के लिए यह अभियान है उस पर सबका समान अधिकार है, तो आइए हम सब मिलकर इस अभियान में अपने आप को जोड़ें। इसके लिए आपको कहीं जाने या किसी रैली में भाग लेने की जरूरत नहीं, केवल अपने आस-पड़ोस के पर्यावरण का अपने घर जैसा ख्याल रखें जैसे कि – घर के आस-पास पौधा रोपण करें। कुछ नहीं तो कम से कम अपने जन्मदिवस पर पौधे अवश्य लगाएं । इससे आप गर्मी, भूक्षरण, धूल इत्यादि से बचाव तो कर ही सकते हैं, पक्षियों को बसेरा भी दे सकते हैं, फूल वाले पौधों से आप अनेक कीट-पतंगों को आश्रय व भोजन दे सकते हैं। शहरी पर्यावरण में रहने वाले पशु-पक्षियों जैसे गोरैया, कबूतर, कौवे, मोर, बंदर, गाय, कुत्ते आदि के प्रति सहानुभूति रखें व आवश्यकता पड़ने पर दाना-पानी या चारा उपलब्ध कराएं।
अपने जन्मदिवस पर प्रत्येक 5 वर्ष पौधे लगाने वाले एवं प्रकृतिप्रेमी आशीष कुमार जौहरी के अनुसार कोरोना महामारी में ऑक्सीजन की महत्ता को समझने के साथ-साथ अब हम सभी को यह प्रण करना चाहिए कि अपने आसपास एवं अन्य स्थानों पर वृक्षारोपण कर हरा-भरा बनाया जाए ताकि मानव इन वृक्षों से प्राप्त शुद्ध वायु द्वारा ऑक्सीजन भरपूर मात्रा में प्राप्त कर सके। गर्मियों की चिलचिलाती धूप में हम सभी अपने आप को या अपने वाहन को पेड़ों की वृक्षों की छांव में खड़ा करना पसंद करते हैं परंतु उस छांव के लिए पेड़ लगाना जरूरी नहीं समझते, जो कि बेहद आवश्यक है। आशीष कुमार जौहरी के अनुसार लॉकडाउन के दौरान पर्यावरण प्रदूषण में काफी सुधार हुआ है, प्राकृतिक वातावरण स्वच्छ हुआ है। सामान्य परिस्थितियों में भी यह स्तर बना रहे, इसके लिए हम सभी को गंभीर प्रयास करने होंगे। इसलिए आइए पर्यावरण पर बड़ी-बड़ी बातें करने से पहले हमें कुछ आदतें अपनाना होंगी व उनका पालन करना होगा, क्योंकि स्थितियां बदलने की सबसे अच्छी शुरुआत स्वयं से होती है। एक पेड़ अवश्य लगाएं एवं पूरी जिम्मेदारी के साथ उसकी देखभाल करें।