वाह उत्तराखंड : 78 वर्षीय बुजुर्ग मृत्यु के बाद 11 वर्षीय बच्ची की आंख से देख रहे दुनिया, एम्स ऋषिकेश में किया था नेत्रदान
ऋषिकेश। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख व कुशल मार्गदर्शन में स्थापित नेत्र कोष विभाग लोगों की सतत सेवा में जुटा हुआ है। जिसके चलते अब तक नेत्रकोष विभाग में 108 व्यक्तियों का मृत्यु के उपरांत नेत्रदान किया जा चुका है, जबकि 113 नेत्रहींन लोगों को सफलतापूर्वक काॅर्निया प्रत्योपण किया जा चुका है। इसी क्रम में वीरभद्र मार्ग, ऋषिकेश निवासी एक 78 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति की मृत्यु के पश्वात उनके परिजनों ने मृतक की इच्छानुसार उनका नेत्रदान कराया। जिससे दो नेत्रहीन लोगों को नेत्र ज्योति मिल सकेगी। संस्थान ने लोगों से नेत्रदान महादान का संकल्प लेने की अपील की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार ऋषिकेश के वीरभद्र मार्ग निवासी 78 वर्षीय व्यक्ति का बीती 31 मई-2021 को दिल का दौरा पड़ने से असामयिक निधन हो गया। इस कोविड नेगेटिव व्यक्ति के पारिवारिकजनों ने मृतक की इच्छानुसार एम्स संस्थान के आई बैंक में उनका नेत्रदान कराया। उनके पारिवारिक सदस्यों ने बताया कि मृत्यु से पूर्व उनके परिवार के अग्रणीय व्यक्ति ने उनकी देहदान करने की इच्छा जाहिर की थी, लिहाजा उनकी अंतिम इच्छा का सम्मान करते हुए परिवार के सदस्यों ने मृतक की देह को भी एम्स,ऋषिकेश को दान किया है।
एम्स के नेत्र रोग विभागाध्यक्ष प्रोफेसर संजीव मित्तल जी व नेत्रकोष विभाग की निदेशक डा. नीति गुप्ता ने बताया कि उक्त बुजुर्ग व्यक्ति के संकल्प से दो नेत्रहींन व्यक्तियों को जीवन ज्योति मिल सकेगी और वह इस रंगबिरंगी दुनिया को देख सकेंगे। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग की पार्थिव देह से सुरक्षित कॉर्निया प्राप्त करने के बाद एक कॉर्निया 11 वर्षीया बालिका को कुशलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर दिया गया है। जबकि दूसरे कॉर्निया का प्रत्यारोपण एक अन्य नेत्रहीन जरुरतमंद को जल्द किया जाएगा। बताया गया कि इन दिनों कोविड 19 संक्रमण के चलते देश- दुनिया के लोगों में भय का वातावरण बना हुआ है, कोरोना संक्रमण के कारण लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बावजूद इसके ऐसे भयावह दौर में भी लोग नेत्रदान का संकल्प लेकर महादान के लिए आगे आकर अन्य लोगों को इसके लिए प्रेरित कर रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि समाज के अन्य लोगों को भी नेत्रदान की प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी के चलते अब दृष्टिहीन व्यक्तियों की संख्या पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है, लिहाजा जरुरतमंदों को नेत्र ज्योति दिलाने के लिए एम्स संस्थान का नेत्र कोष विभाग संकल्पबद्ध होकर सतत प्रयास कर रहा है। बताया गया है कि संस्थान में नेत्र कोष आई बैंक की स्थापना 26 अगस्त-2019 को की गई थी। इसके बाद से करीब पौने दो साल में अब तक 108 लोगों ने मृत्यु उपरांत एम्स के आईबैंक में नेत्रदान किया है, संस्थान द्वारा 113 लोगों को स्वस्थ कॉर्निया प्रत्यारोपण कर नेत्र ज्योति दी जा चुकी है।