उत्तराखंड ब्रेकिंग : जमीन पर रखे बिजली के ट्रांसफार्मर की चपेट में आई मादा भालू और शावक, दोनों की मौत, नप गए जल संस्थान के अधिकारी
गोपेश्वर। उत्तराखंड में चमोली जिले के गोपेश्वर में नमामि गंगे परियोजना के एसटीपी प्लांट के ट्रांसफार्मर से करंट की चपेट में आने से एक मादा भालू और उसके शावक की मौत हो गई। अब वन विभाग ने नमामि गंगे परियोजना काकाम देख रहे जल संस्थान के अधिशासी अभियंता से लेकर विभाग के सहायक अभियंता तक सभी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
इसके बाद भालू मां व उसके बच्चे के शवों का पोस्टमार्टम किया गया और दोनों शवों को नष्ट कर दिया गया। अधिकारियों के खिलाफ वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम के तहत मामला दर्ज होने से जल संस्थान में हड़कंप मच गया है।
घटनाक्रम केदारनाथ वन प्रभाग क्षेत्र में काम कर रहे एसटीपी प्लांट से जुड़ा है। बुधवार को जिला चमोली मुख्यालय गोपेश्वर के वैतरणी में नमामि गंगे परियोजना के अंतर्गत संचालित एसटीपी प्लांट में करंट लगने से एक मादा भालू और उसके शावक की दर्दनाक मौत हो गयी थी, वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की फौरी जांच शुरू की गई। जांच में इस घटना में सम्बंधित विभाग की बड़ी लापरवाही सामनो आई।
प्रभागीय वन अधिकारी केदारनाथ तरुण एस के अनुसार घटना स्थल पर जमीन पर विद्युत ट्रांफ़ार्मर रखा गया है। जिससे आम जनमानस की जान को खतरा हो सकता है, इस ट्रांसफर्मर के आसपास सुरक्षा का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किया गया था।
जांच में एसटीपी प्लांट को संचालित कर रहे जलसंस्थान के विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की घोर लापरवाही सामने आई है, जिसके चलते प्लांट में एक मादा भालू ओर उसके शावक की मौत हो गई है। इस पर विभाग ने एसटीपी संचालन कर रहे जलसंस्थान के अधिकारी कर्मचारियों पर वन्य जीव सुरक्षा अधिनिय 1972 के तहत नामजद कार्रवाई की गई।
विभाग ने एसटीपी की देखरेख करने वाले विभाग जल संस्थान के अधिशाषी अभियंता एसके श्रीवास्तव, अवर अभियन्ता अरुण गुप्ता, सहायक अभियंता राहुल नेगी पर वन्य जीव सुरक्षा अधिनियम 1972 के अंतर्गत नामजद मुकदमा दर्ज किया है।
वन विभाग के उप प्रभागीय वन अधिकारी जुगल किशोर चौहान, वन बीट अधिकारी सीएम रावत आदि ने घटना स्थल का मुआयना किया।