अल्मोड़ा—- साहित्य, कला और संस्कृति पर आधारित अल्मोड़ा में होगा तीन दिवसीय लिट्रेचर फेस्टिवल का आयोजन
अल्मोड़ा- अल्मोड़ा में 30 जून से शुरू होने जा रहे तीन दिवसीय लिट्रेचर फेस्टिवल की तैयारियों को लेकर ग्रीन हिल्स ट्रस्ट द्वारा प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। जिसमें ट्रस्ट द्वारा आयोजित लिट्रेचर फेस्टिवल को लेकर चर्चा की गई इस दौरान बताया गया कि 30 जून से 2 जुलाई तक होने वाले लिट्रेचर फेस्टिवल अल्मोड़ा के पुराने कलेक्ट्रेट मल्ला महल में आयोजित किया जाएगा जिसमें साहित्य कला संस्कृति का समावेश होगा।
इस अवसर पर ग्रीन हिल ट्रस्ट की सचिव डा वसुधा पन्त ने बताया कि शहर के एतिहासिक स्थल मल्ला महल (पुराना कलेक्ट्रेट) में आयोजित होने अल्मोड़ा लिट्रेचर फेस्टिवल के प्रथम संस्करण की तैयारियां अपने चरम पर हैं। अल्मोडा लिटरेचर फ़ेस्टिवल का उद्देश्य वैश्विक साहित्यिक और संगीत परिदृश्य में उत्तराखंड के समृद्ध योगदान को प्रदर्शित करना है। लाइनअप में लेखकों, पत्रकारों, संगीतकारों, इतिहासकारों और फोटोग्राफरों की एक प्रभावशाली श्रृंखला है।
फ़ेस्टिवल का प्रत्येक दिन भावपूर्ण शास्त्रीय संगीत के साथ शुरू होगा। जिसमें पहले दिन पं. उदय भवालकर का मंत्रमुग्ध कर देने वाला ध्रुपद गायन, उसके बाद दूसरे दिन पद्मश्री बसंती बिष्ट के साथ जागर गायन और तीसरे दिन डॉ. रवि जोशी द्वारा मनमोहक हिंदुस्तानी सगुण निर्गुण पद की गायन प्रस्तुति होगी। उत्सव के दिन मंत्रमुग्ध कर देने वाली धुनों के साथ समाप्त होंगे, जिनमें सम्राट पंडित द्वारा ठुमरी गायन और आखिरी दिन में प्रसिद्ध कुमाऊनी गायक बीके सामंत का रंगारंग कार्यक्रम होगा।
पंत ने बताया कि इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए, यह त्यौहार भारतीय इतिहास के पत्रों में एक मनोरम यात्रा प्रदान करता है। हिमांशु बाजपेयी दास्तानगोई की प्राचीन कला के माध्यम से 1925 की काकोरी ट्रेन डकैती को जीवंत करेंगे।प्रतिष्ठित वक्ता और लेखक अपनी अंतर्दृष्टि और विशेषज्ञता साझा करने के लिए मंच की शोभा बढ़ाएंगे। कविता, साहित्य, इतिहास, संस्कृति और रंगमंच जैसे विभिन्न विषयों पर आकर्षक चर्चाएं होंगी। इस फ़ेस्टिवल में पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी उत्तराखंड की राजनीति पर अपने विचार रखेंगे। उत्साही पाठकों और लेखकों के लिए यह महोत्सव सौ साल शिवानी के सहित कई सत्रों की पेशकश करता है,जो विपुल महिला-केंद्रित 20वीं सदी की लेखिका शिवानी की शताब्दी का जश्न मनाता है। उपस्थित लोग भारतीय काव्यशास्त्र,अंग्रेजी साहित्य और उर्दू कविता पर चर्चा में भाग लेते हैं।
इसके अतिरिक्त, एक विशेष पुस्तक लॉन्च में उत्तराखंड के एक उल्लेखनीय शिक्षक एवं लोक विज्ञानी चन्द्रशेखर लोहमी के बारे में कहानियों प्रदर्शित की जाएंगी।साहित्य और संगीत में तीन दिवसीय तल्लीनता लिए अल्मोडा शहर में अपनी तरह का यह पहला आयोजन है। इस महोत्सव का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में अल्मोडा के पूर्व गौरव को पुनर्जीवित करता है। महोत्सव में प्रवेश निःशुल्क है और सभी के लिए खुला है। मनोरम चर्चाओं और प्रदर्शनों में भाग लेने के अलावा,आगंतुक साइट पर किताबों की दुकान पर विविध प्रकार की पुस्तकों का पता लगा सकते हैं,एक मनोरम फोटो प्रदर्शनी का आनंद ले सकते हैंऔर कहानी लेखन कार्यशाला में भाग ले सकते हैं।
महोत्सव में सभी के लिए और बासतौर से बच्चों के लिए प्रतिदिन नक्षत्र एवं ग्रह दर्शन का आकर्षण भी है साथ ही उनके लिए एक समर्पित स्थान भी होगा, जिसमें बच्चों के लिए साहित्य, कहानी कहने के मंत्र और आकर्षक रचनात्मक गतिविधियों और कार्यशालाएं पेश की जाएंगी।पत्रकारों के लिए ख़ास लेखक लाउंज के समकक्ष स्थित एक मीडिया कक्ष होगा जहां वे अपने कार्यों के बारे में बक्ताओं और लेखकों के साथ साक्षात्कार कर सकते हैं। अल्मोडा लिटरेचर फेस्ट सभी उपस्थित लोगों के लिए एक अविस्मरणीय अनुभव होने का वादा करता है।
अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल के मुख्य प्रायोजक ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, यू. कोस्ट, जीबी पंत पर्यावरण संस्थान और एल एस सी इन्फ्राटेक हैं। साथ ही उत्तराखंड सरकार (अल्मोड़ा जिला प्रशासन के माध्यम से), उत्तराखंड पर्यटन विभाग, और अल्मोड़ा होटेल एसोसीएशन इस आयोजन के विशिष्ट सहयोगी हैं।अल्मोड़ा लिटरेचर फ़ेस्टिवल का आयोजन ग्रीनहिल्स ट्रस्ट द्वारा अनकामनसेन्स फ़िल्मस, होटेल शिखर, अल्मोड़ा किताब घर और स्टूडीओ बार्डों के सहयोग से कराया जा रहा है।
प्रेसवार्ता में डा वसुधा पन्त,दीपा गुप्ता,जयमित्र सिंह बिष्ट,सुभाष सिंह नेगी, भूपेन्द्र वलदिया, विनायक पंत उपस्थित रहे।