राजनीति…#बागेश्वर: …तो दलित कार्ड खेलने की जुगत में है कांग्रेस !
सुष्मिता थापा
बागेश्वर। उत्तराखंड में चुनाव की बेला नजदीक आते ही राजनैतिक पार्टियां सत्ता पर काबिज होने के लिए नित नई तरकीब अपनाने में जुट गई हैं। प्रदेश में पिछले दिनों आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उत्तराखंड में एक प्रकार से डेमो तैयार करने पर भाजपा और कांग्रेस चौकन्ना हो गई हैं।
पंजाब में कांग्रेस ने दलित नेता को चन्नी को कुर्सी सौप कर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा हासिल की तो इसकी देखादेखी उत्तराखंड के पूर्व सीएम हरीश रावत प्रदेश में दलित कार्ड खेलने की जुगत में दिखाई दे रहे हैं। बहरहाल, कांग्रेस के पास मुख्यमंत्री का कोई दमदार चेहरा नजर नहीं आता है।
कांग्रेस के पास राज्यसभा सांसद प्रदीप टम्टा ही एक मात्र विकल्प हैं। खुद प्रदीप टम्टा भी गुरुवार को बागेश्वर में कांग्रेस से मुख्यमंत्री चेहरा दलित नेता हो, इसकी पैरवी कर रहे हैं। राजनैतिक पंडितों का कहना है कि राज्यसभा सांसद इसको अवसर के रूप में देख रहे हैं।
दरअसल, उत्तराखंड में 18 प्रतिशत वोटर दलित समुदाय से हैं। इसी वजह से कांग्रेस पार्टी के कई वरिष्ठ नेता आगामी विधानसभा चुनाव में सार्वजनिक तौर पर किसी दलित को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर रहे हैं।
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आम आदमी पार्टी का उत्तराखंड में तेजी से कांग्रेस के तीसरे विकल्प के तौर पर उभर रही है। हाल ही में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार उत्तराखंड में कांग्रेस का 19 प्रतिशत वोटरों पर प्रभाव है और आप का 18 प्रतिशत वोटरों पहुंच गई है।
आप का उत्तराखंड में तेजी से जनाधार बढ़ रहा है। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस समय पर चौकन्ना नहीं रही तो कुछ हद तक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
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