नालागढ़ ब्रेकिंग : भाजपा की गुटबाजी में लगा नगर परिषद में पार्षद नामिनेशन का तड़का, पूर्व विधायक खेमे ने खोला जिला अध्यक्ष और सीएम के ओएसडी के खिलाफ मोर्चा
नालागढ़। अब तक अंदरखाने चल रही भाजपा की गुटबाजी नगर परिषद में पार्षदों के नामित होते ही धरातल पर आ गई है। अब साफ हो गया है जिला अध्यक्ष और पूर्व विधायक के गुट अब चुनाव से पहले अपना अपना हिसाब चुकता कर लेना चाहते हैं।
नगर परिषद नालागढ़ में बीते दिनों चार पार्षदों को मनोनीत होने का मामला सुर्खियां बटोरता जा रहा है। नालागढ़ नगर परिषद में मनोनीत पार्षद न बनाने पर नाराज सदस्यों द्वारा नालागढ़ के पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में एक पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता के दौरान भाजपा के जिला अध्यक्ष व सीएम के ओएसडी पर भी गलत तरीके से नगर परिषद नालागढ़ के पार्षदों को मनोनीत करने के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। भाजपा के नाराज सदस्यों का कहना है कि सीएम के ओएसडी एवं जिला अध्यक्ष द्वारा कार्यकर्ताओं का हौसला तो क्या बढ़ाना उल्टा कार्यकर्ताओं का मनोबल घटाया गया है।
नगर परिषद नालागढ़ में गलत तरीके से चार पार्षदों को मनोनीत किया गया है। नाराज सदस्यों का कहना है कि जब मंडल नालागढ़ भाजपा की ओर से 8 सदस्यों के नाम भेजे गए थे तो लिस्ट जारी होने पर वे नाम लिस्ट से गायब क्यों हो गए। जब इस बारे में मंडल अध्यक्ष से बात की गई तो उन्होंने कहा सभी सदस्यों के नाम भेजे गए लेकिन जब उन्होंने सीएम के ओएसडी से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि आप मुझसे बात करने के दायरे में नहीं आते।
उन्होंने कहा कि अब नालागढ़ भाजपा मंडल का अध्यक्ष भी सीएम के ओएसडी से नाराज है जिससे कि सीएम के ओएसडी को माफी मांगनी चाहिए । नाराज सदस्यों का कहना है कि कार्यकर्ता किसी भी पार्टी की रीढ़ की हड्डी होता है और कार्यकर्ता ही अपने क्षेत्र में विधायक चुनते हैं और उन्हें विधानसभा तक भेजते हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की हाईकमान निष्पक्ष जांच करवाएं और जिन लोगों द्वारा गलत तरीके से पार्षदों को मनोनीत किया है। उनके खिलाफ कार्यवाही की जाए और इस मामले को लेकर पूरी लिस्ट उन्हें दिखाई जाए ताकि साफ हो सके की लिस्ट में किन-किन लोगों के नाम थे और किनके नहीं।
आपको बता दें कि भाजपा मंडल नालागढ़ में अब गुटबाजी की आग में झुलस रही है। नगर परिषद में नामित पार्षदों की सूची ने इस आग में घी डालने का काम किया है। अब पूर्व विधायक के गुट ने जिला अध्यक्ष पर अपने चहेतों को मनोनीत करने के गंभीर आरोप लगाए हैं और इस पूरे मामले के आरोप सीएम के ओएसडी को भी घसीट लिया है। नाराज सदस्यों का कहना है कि सीएम के ओएसडी द्वारा भी जिला अध्यक्ष से मिलीभगत करने के बाद जो लिस्ट जारी की है। उसमें उन सदस्यों के नाम काटे गए हैं जबकि जिन सदस्यों की लिस्ट मंडल अध्यक्ष द्वारा भेजी गई थी।