हिमाचल न्यूज : एसजेवीएन अध्यक्ष शर्मा ने किया लूहरी परियोजना के बाँध एवं विद्युत गृह की पहली बेंच का ब्लास्ट ट्रिगर

देहारादून। एसजेवीएन के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नन्द लाल शर्मा ने 210 मेगावाट की लूहरी जल विद्युत परियोजना चरण-1 के सभी घटकों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने परियोजना स्थल हिमाचल के नीरथ में स्थापित वेब आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम का उद्धघाटन किया। यह अत्याधुनिक, लाइव वेब आधारित मॉनीटरिंग सिस्टम निर्माण गतिविधियों में तीव्रता लाएगी तथा अत्यावश्यकता की स्थिति में त्वरित कार्यवाही करने में सुविधा प्रदान करेगी।


शर्मा ने नीरथ में सतलुज नदी के आर – पार 40 मीटर विस्तार तथा 40 टन क्षमता वाले बेली ब्रिज का लोकार्पण किया, जो परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के अलावा कुल्लू जिले में दो परियोजना प्रभावित पंचायतें देहरा व नित्थर को राष्ट्रीय राजमार्ग- 5 से जोड़कर स्थानीय सामान्य जनमानस को भी सुविधा प्रदान करेगा। इस अवसर पर जिला शिमला और जिला कुल्लू के पंचायत प्रधानों तथा स्थानीय जन समुदायों ने शर्मा का गर्मजोशी से स्वागत किया।


तत्पश्चात परियोजना निर्माण स्थलो का निरीक्षण करते हुए शर्मा ने बाँध,पावर हाउस और टीआरसी स्लोप की पहली बेंच का ब्लास्ट ट्रिगर किया। उन्होंने परियोजना स्थल पर बेंचिंग प्लांट तथा निर्माण गतिविधियों के लिए कंस्ट्रक्शन पावर प्रदान करने हेतु सब स्टेशन, कोयल में पूजा अर्चना की। परियोजना को 24 मई, 2025 के पूर्व निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए यह ऐतिहासिक लैंडमार्क गतिविधियाँ है। इस अवसर पर परियोजना प्रमुख रोशन लाल नेगी सहित परियोजना के अधिकारी भी उपस्थित रहे।

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इस अवसर पर शर्मा ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि एकीकृत नदी बेसिन विकास दृष्टिकोण हाइड्रो ऊर्जा दोहन का सबसे इष्टतम तरीका है। इसमें न केवल संसाधनों का अधिकतम उपयोग होता है, अपितु क्षेत्र का व्यापक और समग्र विकास भी होता है, जिससे स्थानीय लोगों के सामाजिक एवं आर्थिक स्तर का उत्थान होता है।

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उन्होने उल्लेख किया कि एसजेवीएन कारपोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व के अंतर्गत परियोजना के आसपास के क्षेत्र विभिन्न विकास कार्यों से सक्रिय रूप से जुड़ा हुआ है। सीएसआर के छ्ह कार्य क्षेत्रों – स्वास्थ्य, शिक्षा और कौशल विकास, महिला सशक्तिकरण,सतत विकास, राष्ट्रीय विरासत का संरक्षण और ग्रामीण विकास के अंतर्गत एसजेवीएन द्वारा पहले ही लगभग रूपये 18 करोड़ की राशि खर्च की जा चुकी है।


तत्पश्चात उन्होने एसजेवीएन के कर्मचारियों तथा लूहरी हाइड्रो पावर कंसोर्टियम के प्रतिनिधियों के साथ परियोजना प्रगति गतिविधियों पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होने वैश्विक महामारी के कठिन समय में भी कार्यों की गति को बनाए रखने में जुड़े सभी के समर्पित प्रयासों की सराहना की। उन्होंने सभी को निर्धारित समय के भीतर परियोजना के कमीशनिंग के अंतिम लक्ष्य तक चरणबद्ध तरीके से पहुंचने के लिए सूक्ष्म योजना गतिविधियों को अपनाने का आहवान किया।

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210 मेगावाट लूहरी स्टेज -1 एचईपी में प्रतिवर्ष 758 मिलियन यूनिट विद्युत पैदा करने की क्षमता है।वर्तमान में एसजेवीएन के पास 9000 मेगावाट से अधिक का पोर्टफोलियो, जिसमें से 2016.5 मेगावाट प्रचालन में है, 3156 मेगावाट निर्माणाधीन है, 4046 मेगावाट की परियोजनाएं पाइपलाइन में हैै। आज एसजेवीएन की भारत के 9 राज्यों तथा 2 पड़ोसी देशों में उपस्थिति दर्ज है। कंपनी ने ऊर्जा उत्पादन तथा पारेषण के अन्य क्षेत्रों में विविधता लाई है। एसजेवीएन ने वर्ष 2023 तक 5000 मेगावाट, वर्ष 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने हेतु तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।

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