हल्द्वानी…ब्रेकिंग न्यूज : विवेकानंद चिकित्सालय के खिलाफ मुकदमा दर्ज, कोरोना काल में होटल में भर्ती पूर्व शिक्षिका की बिजली जाने से आक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के कारण हो गई थी मृत्यु

हल्द्वानी। गत वर्ष कोरोना काल में एक कोरोना निगेटिव रिटायर्ड शिक्षिका को होटल में बने आइसोलेशन रूम में आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के मामले में मुखानी के विवेकानंद चिकित्सालय के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। इस मामले में सीएमओ नैनीताल ने तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की थी। समिति की रिपोर्ट तो जनवरी महीने में आ गई थी। लेकिन कोतवाली पुलिस ने इस मामले में अब मुकदमा दर्ज किया है।


मिली जानकरी के अनुसार बरसाती नहर मल्ला गोरखपुर निवासी रिटायर्ड शिक्षका देवकी नैनवाल को गत वर्ष 17 मई को सांस लेने में दिक्कत होने पर मुखानी स्थित विवेकानंद चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था। उनके बेटे चेतन नैनवाल के अनुसार उस दिन उनकी मां का आक्सीजन लेबल 78 था। चिकित्सालय की ओपपीडी में चिकित्सक डा. महेश शर्मा ने देवकी नैनवाल का आक्सीजन लेवल मापा और उनका सीटी स्कैन करने के साथ उन्हें तुरंत आक्सीजन सपोर्ट की आवश्यकता बताई।

घटना शाम लगभग साढ़े पांच बजे की है। यह वही महीना था जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी। सीटी स्कैन की रिपेार्ट देखकर डा. शर्मा ने देवकी नैनवाल के आइसोलेट कर भर्ती करने की सलाह दी। चेतन के अनुसार डाक्टर ने बताया कि मरीज के उनके आईसोलेट वार्ड होटल क्रिस्टल ग्रैंड में भर्ती करा दिया जाए। वहां आक्सीजन कंसंट्रेटर भी है। चिकित्सक ने सलाह दी थी कि देवकी नैनवाल का आक्सीजन लेवल बहुत कम है इनको निरंतर ओक्सीजन पर रखना होगा।

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इसके साथ ही उनका कोविड टेस्ट भी कराया गया। इसके बाद चेतन अपनी मां को लेकर आइसोलेशन वार्ड(क्रिस्टल ग्रैंड होटल) में गए। उस वक्त कमरे में वहा बेड लगा हुआ था औऱ आक्सीजन की भी व्यवस्था थी । मरीज का आक्सीजन लेवल कम होने के कारण,उक्त होटल के कमरे में चिकित्सालय के स्टाफ ने वृद्धा को आक्सीजन लगा दी, जो रात भर चलती रही । अगले दिन यानी 18 मई 2021 को कोविड टेस्ट व अन्य टेस्ट हुये,उनकी कोविड रिपोर्ट नेगेटिव आई।

उसके बाद चिकित्सक ने कहा कि आक्सीजन लेवलअभी भी सामान्य नही है औऱ कोविड टेस्ट रिपोर्ट भी गलत आ सकती है। इसलिए मरीज को इन्हे यही भर्ती रख कर निरंतर आक्सीजन पर रखो ।
चेतन ने बताया कि 20 मई की सुबह 6 बजे तक उनकी माताजी आक्सीजन पर ही रही, सुबह 6.00 बजे अचानक बिजली चली गई जिससे आक्सीजन कंसंट्रेटर ने कार्य करना बंद कर दिया और देवकी नैनवाल को दी जा रही ओक्सीजन की आपूर्ति बंद हो गई। इससे मरीज को सांस लेने में परेशानी होने लगी। उस समय चेतन की बड़ी बहन सोनी शर्मा उनके साथ थी।

देवकी नैनवाल की आक्सीजन आपूर्ति बाधित होने के कारण उन्हें सांस लेने में दिक्कत होने लगी। सोनी ने यह जानकारी तुरंत क्रिस्टल ग्रैंड होटल में मौजूद चिकित्सालय स्टाफ को दी। लेकिन स्टाफ न तो आक्सीजन सुचारू करने की व्यवस्था कर सका और न ही बिजली की ही वैकल्पिक व्यवस्था हो सकी। कुछ देरमेंदेवकी नैनवाल ने दम तोड़ दिया। सुबह 6.19 पर सोनी ने अपने परिजनों को यह जानकारी दी। लेकिन 6.35 पर जब वे होटल में पहुंचे तो देवकी की मौत हो चुकी थी। प्रमाण पत्र में चिकित्सकों ने मृत्यु का समय 7.39 सुबह लिखा है।

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चेतन का कहना है कि उनकी मां की मृत्यु आक्सीजन की आपूर्ति बाधित होने के कारण हुई है। इसमें विवेकानंद चिकित्सालय के स्टाफ की लापरवाही है। तकरीबन एक माह बाद धार्मिक प्रकियाओं से निपटने के बाद चेतन ने इस मामले में कोतवाली में एक तहरीर सौंपी। उनका कहना है कि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने इस मामले में सीएमओ से जांच का आग्रह किया।


जिस पर सीएमओ ने मुख्य चिकित्सक डा. वीके पुनेरा के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी बना कर मामले की जांच कराई । इस कमेटी के अपनी रिपोट्र भी गत वर्ष ही सीएम को सोंप दी। जिसमें आक्सीजन की आपूर्ति निरंतरता के साथ न होने का दोषी चिकित्सालय प्रबंधन ​को पाया गया। कमेटी ने माना है कि ईएमओ डा. आकाश ने सांस में आक्सीजन की कमी के कारण भर्ती मरीज को आपात परिस्थितियों में देखने के दौरान मुख्य कार्य आक्सीजन की सप्लायी को देखना चाहिए था, जो उन्होंने नहीं देखा, इससे उनकी लापरवाही भी कमेटी ने मानी है।

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हालांकि कमेटी ने कहा है कि यह दावे से नहीं कहा जा सकता है कि मरीज का मृत्यु आक्सीजन की कमी के कारण ही हुई है। लेकिन जिस तरह से उन्हें आक्सीजन का आवश्यकताथी और काफी समय तक वार्ड में आक्सीजन की आपूर्ति बाधित रही उससे मरीज की मृत्यु की संभावना बढ़ जाती है।
जनवरी माह में सीएमओ ने कमेटी की रिपोर्ट पुलिस को आवश्यक वैधनिक कार्रवाई के लिए भेज दी लेकिन पुलिस ने उस पर कोई कार्रवाई नहीं की।

इसके बाद चेतन ने आरटीआई के माध्यम से यह रिपोर्ट हासिल की और पुलिस से फिर से संपर्क किया। कल देर रात कोतवाली पुलिस ने विवेकानंद चिकित्सालय के खिलाफ आईपीसी की धारा 304 ए के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है।

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