कुमाऊं…ब्रेकिंग न्यूज: सरकारी फाॅरेसिंक एक्सपर्टस को मारने की साजिश, पानी की बोतल में मिला दिया पारा, केस दर्ज
रूद्रपुर। राज्य खाद्य एवं औषधि विश्लेषणशाला के वरिष्ठ व कनिष्ठ विश्लेषक को पीने के पानी में पारा मिला कर जान से मारने की कोशिश की गई है। इस संबंध में रूद्रपुर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस तहकीकात में जुट गई है कि दोनों फारेंसिक विशेषज्ञों काी जान के पीछे कौन पड़ा है।
घटना 15 जुलाई की है लेकिन इस पर मुकदमा कल रात दर्ज किया गया है। कोतवाली रूद्रपुर में दी गई तहरीर में फारेंसिक लैब के कनिष्ठ विश्लेषक रमेश जोशी ने कहा है कि 15 जुलाई की दोपहर बाद वे वरिष्ठ विष्लेषक मनोरंजन कुमार के साथ प्रयोगशाला में थे। लगभग साढ़े चार बजे उन्होंने अपनी पानी की बोतल से पानी पीया। इसके बाद वरिष्ठ विश्लेषक मनोरंजन कुमार ने भी उसी बोतल से पानी पीया। मनोरंजन कुमार को पानी के स्वाद में कुछ मिले होने का अहसास हुआ तो उन्होंने उसे तुरंत ही थूक दिया। फिर जमीन पर मुंह से गिरे पानी को ध्यान से देखा तो उसमें मर्करी यानी पारा मिला हुआ पाया गया। इस घटना से साफ हो गया है कि उनकी पानी की बोतल में किसी ने साजिश के तहत पारा मिला दिया था। जिससे उनकी मौत भी हो सकती थे।
रमेश जोशी ने कहा है कि उन्हें शंका है कि कोई अज्ञात शख्स उन्हें जान से मारने की कोशिश कर रहा है। जोशी की बात की पुष्टि के लिए तहरीर पर वरिष्ठ एक्सपर्ट मनोरंजन कुमार ने भी हस्ताक्षर किए हैं।
पुलिस ने आईपीसी की धारा 328 के तहत मुकदमा दर्ज करके इस मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
क्या है आईपीसी की धारा 328
भारतीय दंड संहिता की धारा 328 के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को क्षति कारित करने या अपराध करने या अपराध किए जाने को सुगम बनाने के आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा क्षति कारित करेगा, कोई विष या जड़िमाकारी, नशा करने वाली या अस्वास्थ्यकर औषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा या उसके द्वारा लिया जाना कारित करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से दण्डित किया जाएगा जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है से दण्डित किया जाएगा और साथ ही वह आर्थिक दण्ड के लिए भी उत्तरदायी होगा।
यह एक गैर.जमानती, संज्ञेय अपराध है और सत्र न्यायालय द्वारा विचारणीय है। यह अपराध समझौता करने योग्य नहीं है।