सतर्क रहें… कोरोना तो गया लेकिन पीछे छोड़ गया यह शारीरिक समस्याएं

डायबिटीज और आलस्य जैसी समस्याओं ने डाला मानव शरीर में डेरा

कोरोना महामारी अपने पीछे कुछ समस्याएं ऐसी छोड़ गई है, जिसके परिणाम लोगों को लंबे समय तक भुगतने पड़ सकते हैँ। इनमें कई समस्याएं महामारी के दिनों में बदली जीवन शैली के कारण पैदा हुई हैँ।


कोरोना महामारी का साया फिलहाल दुनिया के सिर से हट चुका है। लेकिन ये महामारी अपने पीछे कुछ समस्याएं ऐसी छोड़ गई है, जिसके परिणाम लोगों को लंबे समय तक भुगतने पड़ सकते हैँ। इनमें कई समस्याएं महामारी के दिनों में बदली जीवन शैली के कारण पैदा हुई हैँ।

एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक एशिया और अफ्रीका में डायबिटीज मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक लॉकडाउन के दिनों में घर पर रहने के कारण बहुत से लोगों की जीवन-शैली सुस्त हो गई। उसका नतीजा लोगों के डायबिटीज पीडि़त होने के रूप में सामने आ रहा है। इस रिपोर्ट कई देशों का उदाहरण दिया गया है।

यह भी पढ़ें 👉  सोलन ब्रेकिंग : पुलिस ने फिर पकड़ा अंतरराज्यीय चिट्टा सप्लायर, पूर्व में गिरफ्तार सोलन के तीन युवकों ने बताया था नाम

उनमें पाकिस्तान भी है। पाकिस्तान में 2021 में डायबिटीज पीडि़त मरीजों की संख्या दस साल पहले की तुलना में 5.2 गुना ज्यादा हो चुकी थी। बताया गया है कि पहले पाकिस्तान में डायबिटीज 40 साल से ज्यादा उम्र में ही होता था। लेकिन धीरे-धीरे 30 वर्ष और अब 20 वर्ष से अधिक के लोग भी इससे पीडि़त होने लगे हैँ। लेकिन इस मामले में पाकिस्तान अकेला उदाहरण नहीं है।

यह भी पढ़ें 👉  हल्द्वानी ब्रेकिंग : 22 साल से फरार बदमाश यूपी में मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार


अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल डायिबिटीज फेडरेशन के मुताबिक 2021 में विकासशील देशों में डायबिटीज के मामलों में तेज बढ़ोतरी हुई। इस संस्था ने अनुमान लगाया है कि 2045 तक सिर्फ दक्षिण एशिया में अभी की तुलना में 70 प्रतिशत बढ़ोतरी के साथ इस रोग के 22 करोड़ मरीज हो चुके होंगे।

ताजा अध्ययनों के मुताबिक कोरोना वायरस के प्रसार से डायबिटीज की स्थिति बदतर हो गई है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफॉर्निया की एक स्टडी के मुताबिक अमेरिका में नवंबर 2021 में लोग महामारी से पहले की तुलना में रोजाना औसतन दस प्रतिशत कम कदम चल रहे थे।

यह भी पढ़ें 👉  काम की बात : बच्चों को खुश रखने के लिए उन्हें सिखाएं डांस, जानिए तरीके

अमेरिका और यूरोप में हालांकि कोविड प्रतिबंध काफी पहले हटा लिए गए थे, लेकिन लोगों की शारीरिक श्रम की मात्रा पहले जितनी बहाल नहीं हो सकी है। एशिया में तो इसमें 30 प्रतिशत तक गिरावट दर्ज की गई है। यही डायबिटीज फैलने का मुख्य कारण है। एशिया में महामारी के बाद लोगों के शारीरिक श्रम करने की मात्रा में 30 फीसदी तक गिरावट आई है। साफ है, अगर स्वस्थ रहना है, तो आलस्य को छोडऩा होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *