बिलासपुर: वर्तमान बी डी टी एस मैनेजमेंट ने ट्रांसपोर्टरों को दिखाए झूठे सपने : राकेश ठाकुर

सुमन डोगरा, बिलासपुर ।एशिया के सबसे बड़ी ट्रक परिवहन सभा बरमाणा के वपक्षी दल ने एक बार फिर से आम ऑपरेटरों के हकों के लिए जंग शुरू कर दी है। इसी के चलते बुधवार को विपक्ष दल ने पूर्व प्रधान राकेश ठाकुर की अध्यक्षता में एक आपातकाल बैठक का आयोजन किया।

अपने हकों के लिए बीडीटीएस बरमाणा कार्यकारिणी के सदस्यों की एक बैठक में वर्तमान सत्ता पक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्तमान कार्यकारिणी नित नए दिन ऑपरेटरों पर नए नए नियम थोपने शुरू कर दिए है। पूर्व प्रधान राकेश ठाकुर ने ने वर्तमान मैनेजमेंट के प्रधान पर ट्रांसपोटरों को सीमेंट डिमांड ढुलाई बढ़ाने व कई मुद्दों को लेकर लोगों को झूठे सपने दिखाने का आरोप लगाया है । अभी ऑपरटेरों के पुराने जख्मों भरे नहीं , उन्हें पुन : कुरेदना शुरू कर दिया है।

इस मैनेजमेंट ने सीमेंट क्लिंकर ढुलाई को लेकर गाड़ियों की लोडिंग और पहुंचने की समय सारिणी तो फिक्स कर दी जबकि अनलोडिंग का कोई उचित प्रबंध व समय का प्रावधान नहीं किया। अगर किसी की गाड़ी थोड़ी लेट भी हो जाए तो उसका गेट पास कैंसिल कर दिया जाता है । गाड़ियों के टर्न वाइज नंबर मनमाने तरीके से काटे जा रहे हैं। जबकि पूर्व में गाड़ियों के नंबर तभी काटे जाते थे जब कोई गाड़ी कम चक्कर लगाती थी ।

आज के समय में हर गाड़ी का 10 या 12 दिन के बाद नंबर आता है ।अब आम ट्रक का ऑपरेटर खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहा है । अनुबंध अनुसार वार्षिक वृद्धि के बारे में बीडीटीएस कार्यकारिणी कोई प्रयास नहीं कर रही है। जिससे ट्रक ऑपरेटर को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा है ।

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यही नहीं न तो एचपी टोल के पैसे अनुबंध अनुसार मिल रहे हैं और डिमांड भी बिल्कुल खत्म हो चुकी है। अब ऐसे हालात में ऑपरेटरों की आर्थिक दशा दयनीय हो चुकी है। बीटीएस मैनेजमेंट न तो अनुबंध अनुसार वार्षिक वृद्धि दिलवा रही है और काम भी न के बराबर है । जिससे ऑपरेटर को लोन की किस्त , गाड़ी का खर्चा और अपने रोजमर्रा के खर्चे तो क्या निकालना लेकिन उल्टा कर्जदार बनते जा रहे है ।

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इन हालातों से लगता है कि बीडीटीएस वर्तमान मैनेजमेंट प्रधान धृतराष्ट का रोल अदा कर रहे है । उन्हें लोगों की कोई भी चिंता नहीं है। उन्होंने बताया कि अगर कोई गाडी किसी स्टेशन पर चली जाती है तो उसको अनलोडिंग के लिए 10-10 दिनों तक इंतजार करना पड़ता है। डिमांड नाम मात्र की रह गई है।

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उन्होंने कहा कि अब जिला बिलासपुर के ऑपरेटर अपने आप को असहाय और असमर्थ महसूस कर रहे हैं । वर्तमान मैनेजमेंट लोगों की समस्याओं को सुलझाने में नाकाम साबित हो रही हैं ।

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