हल्द्वानी ब्रेकिंग : उधर कोरोना की तीसरी लहर का खतरा, इधर सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज में बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस अनिवार्य करने का फरमान
हल्द्वानी। डा. सुशीला तिवारी मेडिकल कालेज के श़िक्षकों—अधिकारियों व कर्मचारियों को 26 जुलाई से अपने कार्यालयों में आने बायोमेट्रिक्स अटेंडेंन्स लगाना अनिवार्य होगा। एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर देश में दस्तक दे रही है और दूसरी ओर बायोमेट्रिक्स अटेंडेस का फरमान कालेज के स्टाफ के गले नहीं उतर रहा है।
विदित रहे कि 9 जुलाई को चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री डा. धन सिंह रावत ने कालेजों की समीक्षा बैठक में आदेश दिए थे कि सभी मेडिकल कालेजों में स्टाफ के लिए बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस की व्यवस्था पुन: शुरू की जाए। इसके बाद तत्कालीन प्राचार्य डा. सीपी भैंसोड़ा ने भ्ज्ञी इस तरह का आदेश तैयार करवाया था लेकिन उनका अचानक स्थानांतरण अल्मोड़ा मेडिकल कालेज में कर दिया गया। इसके बाद अब नए प्राचार्य डा. अरूण जोशी ने ताजा आदेश जारी करते हुए मेडिकल कालेज केी फैक्ल्टी, अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस को अनिवार्य बनाते हुए इसके आदेश जारी कर दिए थे। यह आदेश 26 जुलाई से जारी होंगे।
स्मरण रहे कि कालेज में पहले भी बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस की व्यव्स्था थी लेकिन कोरोना शुरू होने के बाद सावधानी के तौर पर इन मशीनों को हटा लिया गया था। महामारी की दो लहरों तक इन मशीनों को उपयोग नहीं किया गया। लेकिन अब जब तीसरी लहर देश के दरवाजे प दस्तक दे रही है बायोमेट्रिक्स अटेंडेंस का फरमान किसी के भी गले नहीं उतर रहा है। सवाल यह है कि यदि बायोमेट्रिक्स मशीन से संक्रमण का खतरा नहीं था तो पहले मशीने क्यों हटाई गईं और यदि पहले वाला फैसला गलत था तो इतना गलत फैसला लेने के पीछे जिम्मेदार लोगों के खिलाफ क्या कार्रावाई की जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा एवं स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने अपने विभाग का जिम्मा संभालते ही पहली ही समीक्षा बैठक में यह फरमान जारी किया तो क्या पहले इस व्यवस्था को हटाने के कारणों से उन्हें अवगत नहीं कराया गया।