नैटवाड़-मोरी परियोजना @ देहरादून : मल्टी-डिस्पिलीनरी कमेटी की बैठक में पर्यावरण प्रबंधन के प्रयासों की सराहना
देहरादून। उत्तरकाशी जिले में एसजेवीएन लिमिटेड की निर्माणाधीन 60 मेगावाट क्षमता की नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना के भारत सरकार के पर्यावरण एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय द्वारा गठित मल्टी-डिस्पिलीनरी कमेटी (एमडीसी) की एक बैठक आज यहां सम्पन्न हुई।
बैठक परियोजना निर्माण के दौरान पर्यावरण प्रबन्धन प्लान के तहत सुरक्षा उपायों के कार्यान्वयन को लेकर थी। बैठक की अध्यक्षता राज्य के मुख्य वन संरक्षक राजीव भरतरी ने की। इस अवसर पर उन्होंने एसजेवीएन प्रबन्धन द्वारा नैटवाड़ मोरी परियोजना में किए जा रहे पर्यावरण सबंन्धी उपायों की प्रशंसा की जिनमें जलग्रहण क्षेत्र उपचार योजना, प्रतिपूरक वनरोपण, ग्रीनबेल्ट, जलाशय क्षेत्र उपचार योजना, मत्सय प्रबन्धन योजना, जल एवं वायु क्वालिटी प्रबन्धन प्लान, मक निस्तारण योजना, ठोस अवशिष्ट प्रबन्धन प्लान की सराहना की गई, साथ ही मत्स्य प्रबन्धन प्लान और पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर नैटवाड़ मोरी जल विद्युत परियोजना के मुख्य महाप्रबन्धक एवं परियोजना प्रमुख संजय कुमार सिंह ने परियोजना स्तर पर किए जा रहे पर्यावरण सबंन्धी विभिन्न कार्यो की विस्तृत रूप से जानकारी दी। बैठक के दौरान समिति ने नैटवाड़ —मोरी परियोजना प्रबन्धन को और अधिक पर्यावरण प्रबन्धन अनुकूल कार्यक्रमों को चलाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया क्योंकि परियोजना का निर्माण शीघ्र ही पूरा होने जा रहा है।
इस अवसर पर अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक (प्रोजक्ट एंड कम्यूनिटी) समीर सिन्हा, नोडल अधिकारी एवं अतिरिक्त मुख्य वन संरक्षक कपिल जोशी, डीएफओ टोन्स सुबोध काला, उप निदेशक गोविन्द पशु विहार डी- पी बलूनी, पर्यावरण एवं वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के विशेषज्ञ कृष्णनेन्दु मोडंल, आईसीएफआरआई के परमानन्द कुमार, सदस्य सचिव एवं एसजेवीएन के वरिष्ठ प्रबन्धक (पर्यावरण) शिराज स्वॉन उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि एसजेवीएन 2023 तक 5000 मेगावाट, 2030 तक 12000 मेगावाट तथा वर्ष 2040 तक 25000 मेगावाट की स्थापित क्षमता हासिल करने की दिशा में तीव्र गति से आगे बढ़ रहा है।