सोलन ब्रेकिंग : फिर वही कहानी/ प्रियंका गांधी के आगमन से पहले डॉली ने किया नगर निगम पार्षदों—मेयर को एकजुट करने का प्रयास, गर्मागर्मी और आरोप प्रत्यारोप, पड़ी डांट
सोलन। कांग्रेस की राष्ट्रीय महा सचिव प्रियंका गांधी के सोलन रोड शो से ठीक पहले पार्टी में एकजुटता बनाए रखने के प्रयासों से पार्टी की खेमेबाजी की कलई खुलकर सामने आ गई। राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉली शर्मा, प्रियंका गांधी के रोड शो से ठीक एक दिन पहले यहां डेरा डाल कर बैठ गई थी। इसीक्रम में उन्होंने सोलन नगर निगम की मेयर के चुनाव प्रचार में किनारा करने की जानकारी पर दोनों पक्षों को बुलाया। इस बैठक में कांग्रेस के नेताओं के बीच जमकर आरोप प्रत्यारोप का दौर चला। दूसरे कांग्रेसी पार्षदों को भी बुला लिया गया। अंत में डॉली ने डाट फटकार और मान मनुहार के बाद दोनों पक्षों को चुनाव प्रचार में जुट जाने के लिए राजी कर लिया। विदित रहे कि सोलन में प्रियंका गांधी के दौरे से पहले गत विधानसभा चुनाव में ठीक इसी प्रकार का घटनाक्रम हुआ था। अंतर बस इतना है कि तब कांग्रेस के ही कुछ पार्षद उस समय भाजपा के सहयोग से अपनी की पार्टी क मेयर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की जिद पर अड़े थे और अब भाजपा के सहयोग से कांग्रेस की ही नेत्री ऊषा शर्मा मेयर बन गई हैं, और वहीं पार्षद अब कांग्रेस के नाम पर उनका विरोध कर रहे हैं।
दरअसल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉली शर्मा बुधवार को सोलन पहुंची। उन्हें सोलन नगर निगम क्षेत्र में कांग्रेस की गुटबाजी और मेयर के चुाव प्रचार में न आने की जानकारी दी गई। इस पर डॉली ने मेयर और उनका विरोध कर रहे कांग्रेसी नेताओं को बुला भेजा। दोनों पक्ष एकजुट हुए तो कांग्रेसी नेताओं ने ऊषा शर्मा पर आरोप लगाने शुरू कर दिए। ऊषा ने भी उनपर पार्टी को सोलन में हाईजैक करने के आरोप जड़ दिए। नाराज कांग्रेसी नेता बाहर गए और फोन करके वार्ड संख्या 4, 10,8 और नामित पार्षदों को मौके पर बुला लिया।
मामला बिगड़ता इससे पहले ही डाली शर्मा ने कंग्रेसी नेताओं को फोन करके ऐस हरकत दोबारा न करने और एकजुट रहते हुए चुनाव प्रचार में उतरने का फरमान सुना दिया।
विदित रहे कि इसस पूर्व प्रियंका गांधी की विधानसभा चुनावों के दौरान में सोलन रैली से पूर्व नगर निगम का मुद्दा सतह से बाहर निकल आया था। अंतर यह है कि तब कांग्रेस की मेयर पूनम ग्रोवर के खिलाफ कांग्रेस के ही कुछ पार्ष भाजपा के पार्षदों के साथ मिकर अविष्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे थे। यह विवाद ऐन विधानसभा चुनाव के मौके पर उठा था और पार्टी के लिए गले की फांस बन गया था। वक्त ने करवट बदली और अब कांग्रेस की ही ऊषा शर्मा नगर निगम सोलन की मेयर है। इस बार उन्हें भाजपा के पार्षदों का समर्थन हासिल है और कांग्रेस के पार्षद अकेले उनका विरोध कर रहे हैं।
इस मामले में सत्यमेव जयते डॉट काम ने सोलन नगर निगम की मेयर ऊषा शर्मा से बात की। उन्होंने बताया कि कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता के सामने उन्होंने अपा पक्ष रख दिया था। उन्होंने सबको एक जुटता के साथ चुनाव प्रचार करने की ताकीद की थी। वे चुनाव प्रचार में उतार गई हैं और लोगों को कांग्रेस के प्रत्याशी विनोद सुल्तानपुरी के पक्ष में मतदान के लिए प्रेरित कर रही हैं।
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