बिलासपुर न्यूज : हिमाचल प्रदेश के सपने को सार्थक किया था डा. परमार ने-राजेश धर्माणी
सुमन डोगरा, बिलासपुर। हिमाचल की 31 रियासतों को मिलाकर हिमाचल प्रदेश का सपना देखना और सपने को धरातल पर उतरना यह अपने आप में एक बहुत बड़ा निर्णय था जो कि हिमाचल निर्माता के नाम से प्रख्यात डॉ यशवंत सिंह परमार ने देखा था उन्होंने इस सपने को पूरा भी किया। यह बात तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्मानी ने बिलासपुर में भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित डॉक्टर यशवंत सिंह परमार जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि संबोधित करते हुए कही।
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बात उनकी यह थी कि हिमाचल प्रदेश की संस्कृति को बचाने के लिए उन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया और आज जो भी संस्कृति हिमाचल की बची है वह डॉक्टर यशवंत सिंह परमार की ही देन है। इसके अलावा उन्होंने गैर हिमाचली को यहां पर जमीन खरीदने का अधिकार न देकर हिमाचल के अस्तित्व को भी बचाया। यह भी डॉक्टर परमार की देन कही जा सकती है ।
पत्रकारिता में छोटा पैकेट बड़ा धमाका। शिवंश राज सिंह। तेजपाल नेगी।
धर्मानी ने आगे कहा कि बिलासपुर तरक्की की राह पर है फोरलेन तथा रेलवे आदि के बन जाने से निश्चित रूप से बिलासपुर की आपस में कनेक्टिविटी काफी अधिक हो गई है। इस अवसर पर उन्होंने भाषण प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत भी किया। इससे पहले जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने मुख्य अतिथि को शाल और हिमाचली टोपी देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम का शुभारंभ एडीसी डॉक्टर निधि पटेल ने द्वीप प्रज्वलित करके किया। जिला भाषा अधिकारी रेवती सैनी ने उनको भी सम्मानित किया।
इस आयोजन में बिलासपुर जिले के सात महाविद्यालयों से आमंत्रित विद्यार्थियों की भाषण प्रतियोगिता करवाई गई। प्रतियोगिता का विषय था लोक संस्कृति के संरक्षक डॉक्टर यशवंत सिंह परमार । सभी प्रतिभागियों ने एक से बढ़ कर एक प्रस्तुतियां दीं। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शिवा बीएड कॉलेज घुमारवीं की छात्रा नीतिका ने प्राप्त किया। दूसरे स्थान पर राजकीय महाविद्यालय की छात्रा अनामिका रही। तीसरा स्थान जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की कुमारी रजनीश को मिला।
माफ करना परमार हमें, हम ज्यादा कुछ न बदल सके। रमन रघुवंशी।
निर्णायक मंडल की भूमिका में डॉक्टर लेख राम शर्मा, हिमाचल कोकिला संदेश शर्मा तथा वरिष्ठ पत्रकार साहित्यकार अरुण डोगरा रीतू रहे। कार्यक्रम में बेहतर मंच संचालन रविन्द्र कुमार शर्मा ने किया। कार्यक्रम के आरंभ में सरस्वती वंदना लोक गायक प्रकाश चंद शर्मा ने गाकर सुनाई।
बिलासपुर के ही लक्ष्मी डांस ग्रुप द्वारा मनमोहक आकर्षक नृत्य भी किया गया जिसमें बिलासपुरी संस्कृति की छाप देखी गई। इसके अलावा प्रकाश चंद और कौशल्या ने एक पहाड़ी गीत गाकर भी सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। कॉलेज और स्कूल के विद्यार्थियों ने भी कविताओं का वाचन किया जिनमें काफी कविताएं काफी अच्छी थी इसके अलावा बिलासपुर के कवियों में शीला सिंह, रविंदर भट्टा, तृप्ता कौर मुसाफिर, सुखराम आजाद, केशव शर्मा, शिवपाल गर्ग, नारायण राम हितैषी, डॉक्टर अनेक राम सांख्यान, जीत राम सुमन, सुरेंद्र मिन्हास, अमरनाथ धीमान तथा पूनम वर्मा ने भी कविताओं का वाचन किया।
वक्त ने खूब परीक्षा ली, अब ईनाम का वक्त। रमन रघुवंशी। हिंदी फिल्म गीतकार
सभी प्रतिभागियों को भाषा विभाग की ओर से नगद पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया गया यह अवसर पर जिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष अंजना धीमान, एपीएमसी के अध्यक्ष सतपाल अलावा अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।