उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवा लेकर ऋषिकेश से चम्बा पहुंचा ड्रोन, 30 मिनट में तय की 33 किमी की दूरी
ऋषिकेश । स्वास्थ्य देखभाल पहुंच तकनीक को आगे बढ़ाते हुए एम्स ऋषिकेश ने जनपद टिहरी के चम्बा शहर में दवा पंहुचाकर ड्रोन डिलीवरी प्रणाली को और अधिक विकसित किया है। विश्व हृदय दिवस 29 सितम्बर के अवसर पर संस्थान ने यह उपलब्धि हासिल की है।
विश्व हृदय दिवस (29 सितम्बर) के अवसर पर बीते रोज एम्स ऋषिकेश ने टिहरी जिले के दूरदराज के गांवों में ड्रोन डिलीवरी द्वारा उक्त रक्तचाप की दवा पंहुचाकर अभूतपूर्व पहल शुरू की है। संस्थान का यह कदम हृदय रोगों के खिलाफ लड़ाई में व्यक्तियों और समुदायों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से शुक्रवार को एम्स के हेलीपैड से 10 किलोग्राम का पेलोड टिहरी के चम्बा ब्लाक में भेजा गया। इसमें उच्च रक्तचाप और मधुमेह की दवाओं शामिल थीं। 33 किमी की हवाई दूरी और 5,600 फीट से अधिक की ऊंचाई पर स्थित चंबा ब्लॉक तक पहुंचने में ड्रोन को 30 मिनट का समय लगा। ड्रोन संचालन टीम ने चम्बा ब्लाॅक स्थिति स्कूल के प्रांगण में मौजूद स्वास्थ्य विभाग के स्टाफ को दवाओं की डिलीवरी उपलब्ध करवायी।
इससे पूर्व एम्स ऋषिकेश की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) मीनू सिंह ने ड्रोन को चंबा के लिए रवाना किया। इस दौरान प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि खराब मौसम और विपरीत भौगोलिक परिस्थितियों की वजह से ऐसे इलाकों में दवा पंहुंचाना स्वयं में चुनौतीपूर्ण है। कहा कि एम्स का प्रयाय है कि अत्याधुनिक मेडिकल तकनीक के माध्यम से राज्य के दूर-दराज के इलाकों तक ड्रोन सेवा द्वारा जरूरतमंदों को दवा उपपलब्ध करवायी जाय।
उल्लेखनीय है कि विश्व हृदय दिवस 2024 की थीम ’यूज हार्ट फाॅर एक्शन’ रखी गयी है। यह हृदय स्वास्थ्य के लिए व्यक्तिगत जिम्मेदारी के महत्व पर जोर देने के साथ ही समाज को दिशा देने वाले जन प्रतिनिधियों और स्वास्थ्य संस्थानों से कार्रवाई करने का भी आग्रह करती है। एम्स ऋषिकेश की ड्रोन मेडिकल सेवा की यह पहल बताती है कि एम्स ऋषिकेश विश्व हृदय दिवस की थीम के अनुरूप स्वास्थ्य असमानताओं को दूर करने हेतु नेतृत्व कर रहा है। दिल के दौरे, स्ट्रोक और क्रोनिक किडनी रोग के शीर्ष जोखिमों में उच्च रक्तचाप को विशेष कारक माना जाता है।
एम्स ऋषिकेश के सीएफएम विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉ. प्रदीप अग्रवाल के अनुसार इस तरह के नुकसान का एक कारण दवाओं की नियमित पूर्ति का न होना है। उन्होंने बताया कि पहाड़ी क्षेत्रों से कई लोग बीपी व शुगर की दवा लेने के लिए नियमित तौर से इसलिए नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि आवागमन के संसाधनों के अभाव और मार्ग अवरूद्ध होने की वजह से वो दूर-दराज से निकटतम प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक नहीं पँहुच पाते हैं। यदि किसी तरह पहुंच गए तो दवा का पर्याप्त स्टाक उपलब्ध न होने से उनका पूरा दिन खराब हो जाता है। ऐसे मेें एम्स के सीएफएम विभाग द्वारा ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से सरल लॉजिस्टिक तंत्र को विकसित कर समस्या हल करने का निर्णय लिया। बताया कि उन्नत पैथोलॉजी परीक्षण करने के लिए ड्रोन सुविधा का भी उपयोग किया जा रहा है।
संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक प्रो. संजीव कुमार मित्तल ने कहा कि ज्यादा ऊंचाई में उच्च रक्तचाप की प्रसार दर को देखते हुए अत्याधुनिक ड्रोन डिलीवरी प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले व्यक्तियों को बिना किसी देरी के ड्रोन मेडिकल सेवा के माध्यम से उच्च रक्तचाप की दवा समय रहते मिल जाय। इस अवसर पर डीन एकेडमिक प्रो. जया चतुर्वेदी, डीन रिसर्च प्रो. शैलेन्द्र हाण्डू, ड्रोन मेडिकल सेवा के नोडल अधिकारी डाॅ. जितेन्द्र गैरोला, ग्लोबल हेल्थ एडवोकेसी इनक्यूबेटर में हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग की उपाध्यक्ष सुश्री वंदना शाह सहित कई अन्य मौजूद रहे।