बिलासपुर : प्रदेश सरकार की नई शिक्षा नीति के कारण बच्चे पहली कक्षा में प्रवेश लेने से वंचित

सुमन डोगरा, बिलासपुर। अभिभावक मंच बिलासपुर ने प्रदेश सरकार से पहली कक्षा में प्रवेश के लिए लगाई गई छह साल की आयु की शर्त पर पुनर्विचार करने की मांग की है तथा कहा है कि अभिभावक प्रदेश सरकार के इस निर्णय का स्वागत करते हैं, लेकिन प्रदेश सरकार को इस योजना को नए विद्यार्थियों पर लागू करना चाहिए ताकि पहले से पढ़ रहे विद्यार्थियों का साल बर्बाद होने से बच जाए।

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परिधि गृह बिलासपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में मंच के अध्यक्ष अधिवक्ता सुमन ठाकुर, तथा प्रवेश चंदेल सहित अभिभावकों ने कहा है कि प्रदेश सरकार ने पहली कक्षा में प्रवेश लेने के लिए छह साल की आयु निर्धारित की है, लेकिन करीब 50 हजार बच्चे मौजूदा समय प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में एलकेजी में पढ़ रहे हैं तथा उनकी आयु पांच साल के करीब है, लेकिन प्रदेश सरकार की नई शिक्षा नीति के कारण यह बच्चे पहली कक्षा में प्रवेश लेने से वंचित हो गए हैं।

प्रदेश सरकार से मांग की है कि पहले से शिक्षारत विद्यार्थियों को इसम मामले में छूट देनी चाहिए ताकि इन बच्चों का एक साल बर्बाद होने से बच जाए। उन्होंने बताया कि केरल सरकार ने भी ऐसे बच्चों को दो साल की छूट प्रदान की है। इस बारे में मंच का प्रतिनिधिमंडल कई बार मुख्यमंत्री व शिक्षा सचिव से मिल चुका है, लेकिन सरकार की तररफ से कोई भी सकारात्मक कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे अभिभावकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

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चेतावनी दी है कि यदि बच्चों को राहत नहीं दी गई तो मंच को न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ेगा।

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