हल्द्वानी… सुनिए मेयर साहब : ठेकेदार कर रहा मनमर्जी, गैस पाइप के चक्कर में गलियों के हो गए बुरे हाल, नगर निगम की गाड़ी फंसी गड्ढे में
हल्द्वानी। शहर में गैस पाइप लाइन बिछाने के लिए गली-गली में डाली जा रही पाइप लाइन ठेकेदार की लापरवाही के कारण अब लोगों के लिए जी का जंजाल बनती जा रही है। कल शाम से हुई रिमझिम के बाद गलियों में बड़े बड़े गड्ढे बन गए हैं। उधर गलियों में खुदाई के कारण पेयजल लाइन के टूटने के कारण खोदा गया गड्ढा पिछले तीन दिनों से नहीं भरा गया। आज सुबह नगर निगम की कूड़ा लेने आई गाड़ी इस गड्ढे में जा फंसी।
दरअसल पाइप लाईन दबाने के बाद खुदाई से निकली मिट्टी को वापस उसी गड्ढे में भरने के बजाए ठेकेदार औपचारिकता में गड्ढे भर कर शेष मिट्टी को गाड़ियों में भर भर कर कहीं और ले जा रहे हैं। जबकि लगभग एक इंच की पाइप दबाने के कारण इतनी मिट्टी नहीं बच सकती।
इस बात को एचपीसीएल के उप महाप्रबंधक राव ने भी हमसे फोन पर वार्ता में स्वीकार किया। लेकिन ठेकेदार इस ममले में किसी की बात मानने तो तैयार ही नहीं है। शांति नगर में एक हिस्से में जग ठेकेदार को मिट्टी गाड़ियों में भरने से रोका तो उसने बखेड़ा कर दिया। स्थानीय लोगों ने मौके पर दो दिन पहले पुलिस को भी बुलाया था।
इसके बाद ठेकेदार यह कहते हुए चला गया कि इस क्षेत्र में मिट्टी को साफ नहीं करेगा। जबकि नियमानुसार इस मिट्टी को वापस खोदे गए गड्ढे में भरा जाना था।
अब मिट्टी गली में बिखरी पड़ी है। दूसरी ओर जिस हिस्से की मिट्टी ठेकेदार ने गाडियों में भर कर कहीं और भिजवा दी वहां गड्ढों में भरी गई मिट्टी बारिश के कारण नीचे बैठ गई और सड़क बदहाल हो गई। सड़क के खुदे हुए हिस्सों में मिट्टी बैठने के कारण बड़े—बड़े गड्ढे हो गए हैं।
उधर सड़क के किनारे खुदाई के कारण लोगों के घरों को जाने वाली पेयजल लाइनों टूटने पर उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी भी एचपीसीएल की ही थी।
शांति नगर में एचपीसीएल ने ऐसा ही गड्ढा खोद तो दिया लेकिन न तो पेयजल लाइन ठीक की और न ही उस गड्ढे के दोबारा भरा। नतीजतन गड्ढे में पाइप लीकेज के कारण पानी भर गया।
आज सुबह उस गड्ढे में नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ी जा फंसी। जिसे बामुश्किल बाहर निकाला जा सका।
हालांकि ठेकेदार का कहना है कि अतिरिक्त मिट्टी को वह गौला नदी में फिंकवा रहा है। लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
स्थानीय लोगों का आरेाप है कि मिट्टी को बेचने का खेल चल रहा है इसी वजह से पाइप लाइन बिछाने के बाद ठेकेदार कम से कम मिट्टी वापस भ्रर रहा है। बाकी मिट्टी को गाड़ियों में भर—भर कर बेचा जा रहा है।