पिथौरागढ़…लोजी: अंडे बेचने वाले के बीस हजार की पड़ी खुखरी सिगरेट, महिला दुकानदार, मां, बाप और एक युवक ने ऐसे की ’वसूली’, केस दर्ज
पिथौरागढ़। जिला मुख्यालय में आपराधिक रूप से धन वसूली को अजीब ओ गरीब मामला सामने आया है। यहां दुकान से खरीदी गई सिगरेट के रेट को लेकर दुकान स्वामिनी से हुई एक व्यक्ति की कहा सुनी को छेड़छाड़ और मारपीट का रूप दे दिया गया। बाद में थाना- पुलिस से बचने के नाम पर उससे बीस हजार रूपये वसूल लिए गए। लुटे पिटे पीड़ित में महिलाओं और उनके सहयोगियों के खिलाफ पिथौरागढ़ कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया। पुलिस ने पांच लोगों के खिलाफ आईपीसी की 323, 384 व 504 धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार पुराना बाजार निवासी त्रिभुवन खत्री रोडवेज स्टेशन पर अंडे की ठेली लगाकर अपना परिवार चलता हैं। 10 जुलाई की रात 10 बजे वह शिवालय मंदिर के पास एक दुकान में खुखरी ब्रांड की सिगरेट लेने के लिए गया था। उस वक्त दुकान पर महिला दुकानदार और उसकी मां बैठी थी। सिगरेट के मूल्य को लेकर उस वक्त ़ित्रभुवन की मां बेटी से कहा सुनी हो गईं।
उसका कहना है कि मां बेटी ने उसके साथ धक्का मुक्की भी की। उन्होंने उसे धमकाया और जब वह दुकान से बाहर निकल रहा था। तो दुकानदार महिला ने पीछे से आकर उसे थप्पड़ मार दिया। त्रिभुवन का कहना है कि उसके बाद वह चुपचाप घर आ गया। अगले दिन पिथौरागढ़ कोतवाली से दो पुलिसकर्मी उसके घर आ गए ।
उन्होंने कहा कि उसके खिलाफ एफआईआर हुई है। जब मे थाने पहुचा तो उसे बताया गया कि उसके खिलाफ दुकानदार महिला ने रात की घटना को लेकर तहरीर दी है। शिकायत में महिला ने उसे पीटने, छेड़खानी करने और कपड़े उतारने के लिए कहने का आरोप लगाया है। त्रिभुवन का कहना है कि आरोप सुनकर वह रो पड़ा था।
इस पर वहां बैठी दरोगा ने महिला व उसकी मां से बात करने के लिए कहा। कुछ देर में दुकान दार महिला की मां व एक लड़का धर्मेंद्र वर्मा भी वहां आ गया। उनसे बात करने पर उन्होंने कहा कि मामले को वे रफा दफा करवा सकते हैं लेकिन इसकी एवज में उसे 70 हजार रूपये देने होंगे।
शिकायत के अनुसार इतनी बड़ी धनराशि देने की बात सुनकर त्रिभुवन की पत्नी भी घबरा गई। जब त्रिभुवन ने त्रिभुवन ने उन्हें अपनी आर्थिक स्थिति के बारे में बताया तो उन्होंने कहा कि रूपयों का इंतजाम नहीं हो सकता है तो जेल जाओ। वहां बैठा एक पुलिस का दरोगा बोला कि इसे हवालात में डालो। त्रिभुवन के काफी मान मनव्वल करने पर आखिर दुकानदार महिला की मां व ामेंद्र वर्मा 25 हजार रूपये स्वीकार करने पर राजी हुए।
12 जुलाई को वह अपने परिचितों से पांच हजार का कर्जा लेकर पुलिस थाने पहुंच गया। वहां दुकानदार महिला का पिता गोपाल और धमेंद्र वर्मा पहुंच। बाद में त्रिभुवन और उसकी पत्नी ने उन्हें बीस हजार रूपये दे दिये और पांच हजार रूपये बाद में देने का वायदा किया।
इसके बाद उन्होंने कहा कि तुम गरीब आदमी हो तब सस्ते में छोड़ रहे हैं कोई और बड़ा लाला होता तो एक लाख से नीचे नहीं मानते।
अब ़ित्रभुवन ने बिना अपराध के बीस हजार का चूना लगने के खिलाफ आवाज उठा दी है। उसका कहना है कि जो उसके साथ हुआ है वह किसी और केसाथ न हो इसके लिए उसने आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है।
पुलिस ने दुकानदार महिला, उसकी मां, पिता गोपाल और धमेंद्र वर्मा नामक युवक के खिलाफ आईपीपसी की धारा 323, 484, 504 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।
क्या होती है आईपीसी की धारा 384
भारतीय दंड संहिता की धारा 384 के अनुसारए जो कोई ज़बरदस्ती वसूली करेगा, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा । तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास से जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड से या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
क्या होती है आईपीसी की धारा 504
आईपीसी की धारा 504 के तहत जो कोई भी किसी व्यक्ति को उकसाने के इरादे से जानबूझकर उसका अपमान करता, इरादतन या यह जानते हुए कि इस प्रकार की उकसाहट उस व्यक्ति को लोकशांति भंग होने या अन्य अपराध कारित होता है तो वह इस धारा के तहत दोषी होगा।
क्या होती है आईपीसी की धारा 323
भारतीय दंड संहिता की धारा 323 के अनुसार, जो भी व्यक्ति (धारा 334 में दिए गए मामलों के सिवा) जानबूझ कर किसी को स्वेच्छा से चोट पहुँचाता है। उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे एक वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। या एक हजार रुपए तक का जुर्माना या दोनों के साथ दंडित किया जा सकता है।