बिलासपुर न्यूज: कर्मचारी नेताओं को संयम से काम लेने और अपने काम से मतलब रखने की नसीहत
बिलासपुर। तकनीकी शिक्षा मंत्री और सचिवालय कर्मचारियों की बीच चल रहे विवाद के बीच में जिला के कांग्रेसी बचाव में आ गए हैं। जिला के कांग्रेसियों ने हिमुडा के निदेशक एवं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जितेंद्र चंदेल की अगुवाई में परिधि गृह बिलासपुर में प्रेसवार्ता की।
जितेंद्र चंदेल ने कहा कि कर्मचारी नेता तय नहीं करेंगे कि मंत्री कौन बनेगा।उन्होंने कर्मचारी नेताओं को संयम से काम लेने और अपने काम से मतलब रखने की नसीहत दी है। कर्मचारी नेता राजनीति करने से परहेज करें। प्रदेश की कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री को कर्मचारी हितैषी करार दिया तथा कहा कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनते ही मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 2003 के बाद से बंद पड़ी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल किया था।एरिअर व डीए मांगना कर्मचारियों का हक है, लेकिन कर्मचारियों को भी प्रदेश की आर्थिक स्थिति का ध्यान रखना चाहिए।
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मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को उनके बकाया का भुगतान नहीं करने की बात कभी नहीं की। कर्मचारियों का सात प्रतिशत डीए दिसंबर, 2022 जबकि एरिअर 2016 से देय है।कर्मचारियों ने पूर्व सरकार के समय तो अपना डीए व एरिअर नहीं मांगा। जिससे साफ स्पष्ट हो रहा है कि इस मामले को लेकर राजनीति की जा रही है।राजेश धर्माणी की योग्यता पर उठाए गए सवालों पर कहा कि राजेश धर्माणी एनआइटी के टापर रहे हैं तथा उन्होंने समाज सेवा के लिए सरकारी नौकरी नहीं की।सीपीएस रहते हुए राजेश धर्माणी ने सरकारी सुविधाओं काे त्याग कर दिया था तथा मंत्री रहते हुए भी वह जिला में न तो एस्कार्ट लेते हैं और न ही उन्होंने दूसरी गाड़ी ही ली है।
राजेश धर्माणी को इमानदार नेता करार देते हुए कहा कि उनके बारे टिप्पणी करने से पहले कर्मचारी नेता अपनी योग्यता की परख करें।कर्मचारियों को केंद्र से एनपीएस के 10 हजार करोड़ रुपये की मांग करनी चाहिए। इस अवसर पर एपीएमसी अध्यक्ष सतपाल, वरिष्ठ कांग्रेसी नेता राजेंद्र ठाकुर, नौणी पंचायत प्रधान निर्मला राजपूत, पूर्व प्रधान तृप्ता, सदर युकां के निर्वतमान अध्यक्ष विरेंद्र संधू, पवन ठाकुर व अनिल चौहान आदि भी मौजूद रहे।
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