बारिश ही बारिश: कुमाऊं में मलबे में दबने और नदी-नालों में बहने से पांच लोगों की मौत, प्रदेश में 324 सड़कें बंद
नैनीताल। जाते-जाते बरसात एक बार फिर आफत बरसा रही है। बड़ी मुश्किलों से जिन सड़कों को पिछले दिनों खोला गया था, उन पर फिर रफ्तार थम गई है। कुमाऊं की 185 समेत प्रदेश की 324 सड़कें सड़कें मलबा और बोल्डर आने से बंद हैं। शुक्रवार को मलबे में दबने और नदी-नालों में बहने से तीन महिलाओं सहित पांच की मौत हो गई जबकि एक किशोर समेत दो लापता हैं।
हल्द्वानी में मंडी के पास नहर में ऑटो पलटने से चालक गौरा पड़ाव के हरिपुर शिवदत्त निवासी रवि आर्या (27) की मौत हो गई, जबकि दो को बमुश्किल बचाया जा सका। लोहाघाट के ढोरजा गांव में पेड़ और मलबा गोशाला पर गिरने से माधवी देवी (58) की मौत हो गई। वहीं के मटियानी गांव के नकेला तोक में मलबे में दबकर शांति देवी (55) की मौत हो गई, जबकि छात्र जगदीश सिंह बोहरा (15) की तलाश जारी है। पिथौरागढ़ के गणकोट गांव के सैनपाटा तोक में मकान में मलबा घुसने से देवकी देवी (70) की जान चली गई। अल्मोड़ा में भैसियाछाना के थिकलना गांव में गधेरा पार करते 73 वर्षीय बुजुर्ग दान सिंह की बहने से मौत हो गई। सितारगंज के ग्राम कौंधाअशरफ का किसान गुरनाम सिंह (38) कैलाश नदी में बह गया। ढूंढखोज के बाद भी उसका पता नहीं चला।
मुनस्यारी में पेट्रोलिंग पर गया आईटीबीपी का जवान और पोर्टर लापता हैं। शनिवार को हेलीकॉप्टर से तलाश की जाएगी। अल्मोड़ा के धौलादेवी और लमगड़ा के बीच बहने वाली कुटार और पनार नदियों के बीच टापू पर दो युवक फंस गए। देर रात 11 बजे उन्हें निकाला जा सका। चंपावत में टनकपुर- पिथौरागढ़ एनएच पर स्वाला के पास रोडवेज डिपो की स्थान दो बसों समेत 35 से अधिक वाहन फंसे हैं। प्रशासन देहरादून ने यात्रियों को स्वांला में ठहराया है। इधर, कई मार्गों पर पेड़ों के गिरने की भी सूचनाएं हैं।