विस्तार : चार नए मंत्री शामिल, 56 मंत्रियों में 22 सामान्य, 23 पिछड़े और नौ एससी कोटे से मंत्री

लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल का विस्तार हो गया है। अब कैबिनेट में 56 मंत्री हो गए हैं। इसमें 22 कैबिनेट, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री शामिल हैं। चार की जगह अभी भी कैबिनेट में शेष है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार 2.0 का बहु-प्रतिक्षित मंत्रिमंडल विस्तार आखिरकार मंगलवार शाम हो गया। राजभवन में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल ने सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर, भाजपा के विधान परिषद सदस्य व पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान, राष्ट्रीय लोकदल के विधायक अनिल कुमार और साहिबाबाद से सर्वाधिक मतों से जीतने वाले विधायक सुनील शर्मा कैबिनेट मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब योगी सरकार में दो उप मुख्यमंत्री, 22 कैबिनेट मंत्री, 14 राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्यमंत्री सहित कुल 56 मंत्री हैं।

जुलाई 2023 में सुभासपा के एनडीए में शामिल होने और सपा विधायक दारा सिंह चौहान के भाजपा में शामिल होने के बाद से लगातार मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें लगाई जा रही थीं। लेकिन, बीते दिनों ओमप्रकाश राजभर की ओर से राजपाठ न मिलने पर होली नहीं मनाने के एलान के बाद भाजपा नेतृत्व हरकत में आया और मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख तय कर दी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार सुबह दारा सिंह चौहान, सुनील शर्मा, ओमप्रकाश राजभर और अनिल कुमार को फोन कर पांच कालीदास मार्ग स्थित मुख्यमंत्री आवास पर बुलाया। सीएम ने चारों को शपथ ग्रहण समारोह में राजभवन पहुंचने को कहा। राजभवन में शाम 5 बजे से शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल ने चारों नवनियुक्त मंत्रियों को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।

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इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी, महामंत्री संगठन धर्मपाल सिंह, अपना दल एस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं प्राविधिक शिक्षा मंत्री आशीष पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष एवं मत्स्य मंत्री संजय निषाद भी मौजूद थे।

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अब सभी सहयोगी दल शामिल मंत्रिमंडल में
सुभासपा व रालोद के विधायकों के शपथ लेने के साथ ही प्रदेश सरकार के सभी सहयोगी दलों को मंत्रिमंडल में हिस्सेदारी मिल गई है। अपना दल एस व निषाद पार्टी पहले से ही मंत्रिमंडल में शामिल हैं।

जातीय संतुलन बैठाया
भाजपा ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले मंत्रिमंडल विस्तार में जातीय संतुलन बैठाने की कोशिश की है। दो पिछड़े व एक दलित समाज के साथ अपरकास्ट से एक ब्राह्मण को मंत्री बनाया गया है। उधर, रालोद ने भी पश्चिमी यूपी में दलित मतों को साधने के लिए जाटव समाज का प्रतिनिधित्व करने वाले अनिल कुमार को मंत्री बनाया है।

सामाजिक तस्वीर मंत्रिमंडल की
सामान्य – 22, पिछड़े -23, एससी-9 और एसटी -1, सामान्य मेंः 8 ब्राह्मण, 7 ठाकुर, 3 वैश्य, 2 भूमिहार, 1 खत्री, 1 कायस्थ

गुलदस्ता सजाया पिछड़ी जातियों का
योगी मंत्रिमंडल में प्रदेश की सभी प्रमुख पिछड़ी जातियों को प्रतिनिधित्व दिया गया है। 4 कुर्मी, 3 जाट, 2 राजभर, 2 निषाद, 2 लोधी, एक गुर्जर, एक प्रजापति, एक सैनी, एक कश्यप, एक पाल, एक मौर्य, एक यादव, एक तेली और नोनिया चौहान समाज से एक मंत्री है।

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सबसे ज्यादा मंत्री जाटव समाज से
योगी मंत्रिमंडल में 4 जाटव, एक कोरी, एक खटीक, एक पासी, एक धोबी और वाल्मीकि समाज से एक मंत्री हैं।
पांच महिला मंत्री – 56 सदस्यीय मंत्रिमंडल में पांच महिला मंत्री है। एक कैबिनेट, एक राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और तीन राज्यमंत्री हैं। विस्तार के बावजूद मंत्रिमंडल में महिला सदस्यों की हिस्सेदारी जस की तस बनी हुई है।

अब भी चार पद खाली मंत्रिमंडल में
लखनऊ। योगी मंत्रिमंडल में चार नए मंत्री शामिल होने के बाद अब भी 4 पद खाली रहेंगे। विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या के 15 फीसदी मंत्री बनाए जा सकते हैं। विधानसभा में सदस्य संख्या 403 है। ऐसे में 60 मंत्री बनाए जा सकते हैं

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