मतलब निकल गया तो…#हल्द्वानी : संकट के समय सबसे पहले काम लेकिन मासिक वेतन पर वादाखिलाफी, ऐसा कब तक चलेगा मुख्यमंत्री जी : आशा वर्कर लीडर
हल्द्वानी। आशा वर्करों के कार्यबहिष्कार को आज चार दिन पूरे हो गए। मासिक वेतन समेत बारह सूत्रीय मांगों के पक्ष और सरकार की वादा खिलाफी के विरोध 5 अक्टूबर से पुनः आशाओं का कार्यबहिष्कार शुरू हुआ था।
ऐक्टू से संबद्ध उत्तराखण्ड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन से जुड़ी आशाओं के प्रतिनिधिमंडल के साथ 31 अगस्त को हुई वार्ता में ’20 दिन में शासनादेश’ का वादा मुख्यमंत्री ने किया था लेकिन अभी तक भी कोई सुनवाई नहीं हुई है। राज्य के मुख्यमंत्री आशाओं से किया वादा निभाकर आशाओं के लिए सम्मानजनक मासिक वेतन और अन्य मांगों के समाधान की तत्काल घोषणा करें। अन्यथा आंदोलन और हड़ताल जारी रहेगी।”
यूनियन की प्रदेश अध्यक्ष कमला कुंजवाल ने कहा कि, “संकट के समय सबसे पहले काम लेकिन मासिक वेतन देने में वादाखिलाफी और आनाकानी, आशाओं का यह शोषण आखिर कब तक चलेगा।”
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आज कमला कुंजवाल, प्रीति रावत, चम्पा मेहरा, रोशनी, कमला आर्य, गीता देवी, रजनी, मीनू, सायमा सिद्दीकी, मंजू आर्य, गंगा, मंजू रावत आदि प्रदर्शन में शामिल रहीं।