हे भगवान @ हल्द्वानी: ससुरालियों की प्रताड़ना से तंग नामी कंपनी की असिस्टेंट मैनेजर छोड़ आई ठाणे स्थित पति का घर, न्याय व सुरक्षा के लिए पहुंची पुलिस की शरण
हल्द्वानी। यहां के काठगोदाम थानाक्षेत्र के शीशमहल क्षेत्र से नोएडा में ब्याही एक बेटी महाराष्ट्र के थाणे स्थित घर से अपने लगभग ढाई साल के बेटे को लेकर किसी तरह जान बचाकर माये आ पहुंची है। यूं तो महिला जानी मानी कंपनी में असिस्टेंट मैनेजर के पद पर कार्यरत है। लेकिन उसका कहना है कि दहेज के लिए पति, ननद, सास—ससुर सब उसके दुश्मन बन गए हैं। उसे कमरे में अकेले कई कई घंटे बंद रखा जाता है। उसका बेटा उससे छीन लिया जाता है। उसके साथ मारपीट की जाती है। महिला ने काठगोदाम पुलिस थाने में तहरीर देकर अपनी दोषी पति व ससुरालियों के खिलाफ कार्रावाई की मांग की है साथ ही अपनी सुरक्षा भी ठाणे पुलिस से कराने की गुहार भी लगाई है। पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है।
महिला का दावा है कि पति की पिटाई से तंग आकर उसने बेटे के साथ अपना ठाणे वाला घर छोड़ दिया और घर से 14 किमी दूर बहन के घर पर पलावा आ गई। लेकिन पति यहां कभी पुलिस वालों को लेकर आने लगा तो कभी सामाजिक कार्यकर्ताओं को लेकर। वह हर बार उसे धमकाता और बच्चा उससे छीनने की कोशिश करता। हार कर उसने आनन फानन में मुंबई से फ्लाइट पकड़ी और दिल्ली आ गई और वहां से कार द्वारा हल्द्वानी के शीशमहल आ पहुंची।
महिला का कहना है कि उसके बच्चे भी जल्दीबाजी में उसके घर पर ही छूट गए। उसके गहने तो ससुर ने पहले ही लॉकर में रखवा लिए थे। जो विवाह के बाद कभी उसे दिखाए भी नहीं गए। महिला का आरोप है कि जब उसका बेटा हुआ तो नोएडा स्थित घर में जब अहमदाबाद से उसकी ननद आती तो उसे उसका कमरा दे दिया जाता। उसे बच्चे को दूध पिलाने के लिए भी अलग जगह नहीं मिलती। उसका आरोप है कि ससुरालियों ने लाखों रूपये का एक मकान खरीदा और उससे कहा कि तुम्हे पार्टनर बना देंगे। जिसकी 36 हजार रूपये प्रतिमाह ईएमआई जाती है। लेकिन रजिस्ट्री में उसका नाम तक नहीं लिखवाया गया। जब उसने इस बारे में पूछा तो पति ने उसके साथ गालीगलौच की और बाद में उसकी पिटाई की गई।
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महिला का कहना है कि उसका पति भी एक नामी कंपनी में डिप्अी मैनेजर के पद परहै लेकिन वह घर के खर्च में एक पैसे भी नहीं लगाता उसकी पूरी तनख्वाह ही घर पर खर्च की जाती है। इन सबके पीछे कारण बताते हुए उसने तहरीर में लिखा है कि विवाह से कुछ दिन पहले ससुराल पक्ष वालों ने उसके पिता से कहा था कि उनके लगभग 30 रिश्तेदारों के लिए कपड़ों की मांग की थी। उनका कहना था की सभी कपड़ों के साथ एक एक पैकेट ड्राई फ्रूट्स और सोने का एक एक सिक्का रखा जाए। साथ ही लेडिज कपड़ों के साथ एक एक जोड़ी सोने के टॉप्स रखे जाएं।
उसके पिता ने महिलाओं को तो कपड़ों के साथ सोने के टॉप्स दे दिए लेकिन ड्राई फ्रूट्स और सोने के सिक्के का इंतजाम कर पाने से इंकार कर दिया। अस यहीं से उसके ससुराल वाले नाराज हो गए। ससुराल में उसे ताने मारे जाते हैं। ननद उसके पिता के बुरी बुरी गालियां देती है। पति उसे बात बात पर पीटने लगता। उसे काफी समय तक कमरे में बंद रखा जाने लगा। बच्चा हुआ तो हालात सुधरने के बजाए और बिगड़ गए। पति बेटे को उससे अलग करके उसे कमरे में बंद करने लगा। उसके शरीर पर पड़े नील के निशान इस बात का सबूत हैं कि उसके साथ मारपीट की जाती रही है। उसका कहना है कि तकरीबन 15 लख रूपये वह बैंक ट्राजेंक्शन के माध्यम से उन्हें दे चुकी है। घर के सामान की खरीददारी भी उसे अपने ही पैसों से करनी पड़ी। पति ने उसमें भी एक भी पैसा नहीं लगाया।
रोजाना की मारपीट से तंग आकर वह एक दिन मौका पाकर जल्दबाजी में बेटे को लेकर अपने घर से भाग कर बहन के घर पहुंच गई। जहां कुछ दिन बाद उसका पति कभी पुलिस वालों को तो कभी सामाजिक कार्यकताओं को लेकर आने लगा। और उससे बच्चे को छीनने का प्रयास करता। आख्रिर हार कर वह 28 अगस्त की रात अपने मायके पहुंची और 29 अगस्त को पुलिस थाने में रिपेर्ट लिखाने पहुंच गई। उसका कहना है कि कंपनी ने उसे एक महीेने के लिए वर्क फ्राम होम के तहत हल्द्वानी रहने की इजाजत दे दी है लेकिन उसके बाद उसे ठाणे ही जाना होगा जहां उसे अपने पति से खतरा है।
पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।