ये बेचारे #हल्द्वानी: नौकरी जाने से परेशान उपनल कर्मी जुलूस लेकर पहुंचे डीएम कार्यालय, सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा ज्ञापन

हल्द्वानी। 2004 से उत्तराखंड राज्य के समस्त सरकारी विभागों एवं निगम में उपनल के माध्यम से कार्यरत कर्मचारियों ने आज जुलूस निकालकर हल्द्वानी में जोरदार प्रदर्शन किया और बाद में सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन प्रेषित किया।


ज्ञापन में कहा गया है कि राज्य के विभिन्न विभागों और निगमों में वर्षों से उपनल कर्मचारी अल्प वेतन में अपनी सेवाएं दे रहे हैं और अपने सुरक्षित भविष्य तथा सम्मानजनक वेतन के लिए वर्षो से संघर्ष भी कर रहे हैं किंतु आज तक कर्मचारियों के सुरक्षित भविष्य के लिए कोई सकारात्मक निर्णय सरकार की ओर से नहीं हो सका है। वर्तमान में महंगाई के इस दौर में उपनल कर्मचारी 10 से 12000 में अपना और अपने परिवार का पेट पालने को मजबूर है। दूसरी ओर कर्मचारियों की वर्षों की सेवा को अनदेखा करते हुए कई विभागों ने उपनल कर्मचारियों की आवश्यकता होने के बावजूद उन्हें नौकरी से हटा दिया है।

एमएससी छात्र आत्महत्या प्रकरण #अल्मोड़ा: सांसद के कथित सचिव, एमपी के कथित सरकारी वकील की पत्नी सहित चार के खिलाफ केस दर्ज

ऊर्जा निगम में कई कर्मचारियों को संदेह के आधार पर हटा दिया गया है, जबकि मुख्य सचिव उत्तराखंड के 10 अगस्त 2020 के आदेश में साफ कहा गया है कि ‘कार्यहित, जनहित या शासकीय हित में यदि आवश्यकता हो तो कर्मचारियों के नियोजन की निरंतरता बनाई जा सकती है।’ अधिकांश विभाग मुख्य सचिव के आदेश की इस पंक्ति को भी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इसके अतिरिक्त कई विभागों, निगमों और विश्वविद्यालयों द्वारा तक 10 से 17 वर्षों तक कार्यरत उपनल कर्मचारियों के पदों पर भर्ती हेतु विज्ञप्ति भी जारी कर दी है, जबकि उपनल कर्मचारियों के नियमितीकरण से संबंधित प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। ज्ञापन में कहा गया है कि उक्त समस्याओं के निराकरण हेतु उपनल कर्मचारियों ने बार-बार उच्च स्तर पर अनुरोध किया लेकिन आज तक कोई भी सकारात्मक फैसला सरकार की ओर से नहीं किया गया। इससे कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त है ज्ञापन में कर्मचारियों ने अपनी पांच मांगे रखी हैं।

यह नहीं सुधरेंगे #सितारगंज: सिडकुल पुलिस ने तस्कर दबोचा, 17.55 ग्राम स्मैक बरामद, पहले भी जा चुका है जेल

यह भी पढ़ें 👉  गुड न्यूज : ऋषिकेश के अमितग्राम गुमानीवाला में ग्रामीणों के आगे झुकी सरकार, अंग्रेजी शराब ठेका बंद

पहली मांग में कहा गया है कि उच्च न्यायालय नैनीताल व श्रम न्यायालय हल्द्वानी के आदेश अनुसार उपनल कर्मचारियों को समान कार्य का समान वेतन तथा नियमितीकरण हेतु नियमावली बनाई जाए। दूसरी मांग में कर्मचारियों ने काि है कि जिन विभागों में अधिसंख्य उपनल कर्मचारी कार्यरत हैं उन पदों को एक्स कैडर के पद के रूप में मानते हुए उपनल कर्मचारी की सेवाएं समाप्त न की जाए तथा विभिन्न विभागों से हटाए गए कर्मचारियों की बहाली की जाए तथा तत्काल वेतन वृद्धि दी जाए। जिन पदों पर उपनल कर्मचारी कार्य कर रहे हैं उन पदों पर राज्य सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायालय डाली गई विशेष याचिका के अंतिम आदेश पारित होने तक पदों को रिक्त दिखाते हुए भर्ती ना की जाए।

यह भी पढ़ें 👉  ब्रेकिंग न्यूज : नैनीताल के जंगल में लगी आग को काबू करने के लिए एनडीआरएफ की प्लाटून ने मोर्चा संभाला

ब्रेकिंग #देहरादून: एक सप्ताह और बढ़ा कोविड कर्फ्यू, देखिए एसओपी


एक अन्य मांग में कहा गया है कि राज्य सरकार द्वारा की जा रही नई भर्तियों में उपनल से कार्यरत कार्मिकों के पदों को रिक्त पदों पर दिखाते हुए इन पदों पर भर्ती की जा रही है। इसके अलावा ज्ञापन में मांग की गई है कि जिन विभागों द्वारा कतिपय कारणों से उपनल कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त की गई हैं तदोपरांत कर्मचारी को पुनः विभाग में सेवा में लिया गया है, उन कर्मचारियों के बीच की अवरूद्ध सेवाओं को निरंतर सेवा में परिवर्तित किया जाए। अंतिम मांग में कहा गया है कि सेवा के दौरान किसी उपनल कर्मचारी की दुर्घटनावश मृत्यु हो जाती है तो कर्मचारी के परिजनों को 20 लाख का बीमा एवं एक आश्रित को नौकरी का लाभ दिया जाए। संगठन के जिला संयोजक मनोज कुमार जोशी के हस्ताक्षर हैं।

यह भी पढ़ें 👉  पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक की चेतावनी के बाद हरकत में आया एन एच विभाग

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *