हिमाचल ब्रेकिंग: शिलाई में 2 पंचायतों के प्रधान सस्पेंड, जानें क्या है पूरा मामला?

सिरमौर। जिला सिरमौर की 2 पंचायतों के प्रधानों को विकास कार्यों में अनियमितताएं बरतने के मामले में तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। प्रारंभिक जांच में दोनों पंचायत प्रधान दोषी पाए गए हैं। निलंबन की यह गाज शिलाई विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत विकास खंड तिलोरधार की ग्राम पंचायत कठवाड़ के प्रधान महेंद्र सिंह और ग्राम पंचायत नाया पंजौड़ के प्रधान लायक राम पर गिरी है। इस संबंध में जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर की तरफ से लिखित आदेश भी जारी किए गए है। जांच कमेटी ने एक पंचायत प्रधान से विकास कार्यों में धांधली की एवज में लाखों रुपए की राशि वसूलने की सिफारिश की है, तो वहीं दूसरे मामले में करीब 6.43 लाख रुपए की राशि वसूली योग्य पाई गई।

इन विकास कार्यों में पाई गई अनियमितताएं
जानकारी के अनुसार पहले मामले में कठवाड़ पंचायत के कुछ ग्रामीणों ने इस संबंध में लिखित शिकायत की थी, जिसमें पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों में अनियमितताएं और धन के दुरूपयोग के कथित आरोप लगाए गए थे। मामले की जांच कर रही कमेटी ने प्रारंभिक जांच कर रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी। इस रिपोर्ट में 15वें वित्तयोग मद के तहत निर्मित सिंचाई टैंक, फुट ब्रिज महोली खड्ड, मनरेगा के तहत निर्मित अमृत सरोवर घुंडाना खाला, श्मशानघाट घुंडाना खड्ड, मरम्मत सिंचाई कूहल गडोली खड्ड, ग्राम पंचायत के बिल/बाउचरों अनुसार सामग्री प्रदाता के तौर पर अनियमित अदायगी, एक महिला को 4125 रुपए की राशि अनियमित दोहरी अदायगी समेत ग्राम पंचायत कठवाड़ द्वारा सामग्री प्रदाता को चिन्हित करने से पहले औपचारिकताएं पूरी न करने के आरोपों में अनियमिताएं पाई गई। जांच कमेटी ने विभिन्न विकास कार्यों में लाखों रुपए की राशि वसूलने की भी सिफारिश की है, जो करीब साढ़े 7 लाख रुपए के आसपास बताई जा रही है।

लाखों रुपयों के दुरुपयोग को लेकर अनियमितताएं
दूसरे मामले में नाया पंजौड़ पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं को लेकर पंचायतीराज विभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं संयुक्त सचिव ने गत 5 वर्षों का विशेष विभागीय अंकेक्षण एक महीने के अंदर करने और अंकेक्षण रिपोर्ट भेजने के निर्देश जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर के कार्यालय को दिए। इन निर्देशों पर एक अंकेक्षण कमेटी गठित की गई। जांच कर कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जिला पंचायत कार्यालय को भेजी, जिसमें विकास कार्यों में अनियमितताओं पाई गई। इसमें मनरेगा मद में किए गए विकास कार्यों में 19,31,908 रुपए राशि के दुरुपयोग को लेकर अनियमितताएं सामने आई। साथ ही पंचायत प्रधान से 6,43,969 रुपए की राशि वसूली योग्य पाई गई।

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नोटिस में नहीं दे पाए संतोषजनक जवाब
जिला पंचायत अधिकारी सिरमौर अभिषेक मित्तल ने बताया कि प्रथम दृष्टि में विकास कार्यों में अनियमितताओं और सरकारी धन के दुरूपयोग में दोषी पाए जान पर कठवाड़ और नाया पंजौड़ पंचायत के दोनों प्रधानों को अपना पक्ष रखने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किए गए। दोनों की तरफ से जवाब संतोषजनक नहीं पाए गए। ऐसे में दोनों मामलों में सत्यता को जानने के लिए नियमों के मुताबिक नियमित जांच करवाई जानी है। लिहाजा संबंधित पंचायत प्रधान अपने पद पर रहते हुए जांच को प्रभावित और रिकार्ड से छेड़छाड़ कर सकते हैं। इसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश पंचायती राज अधिनियम के तहत प्रदत शक्तियों का प्रयोग करते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में अवचार का दोषी पाए जाने पर दोनों पंचायत प्रधानों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया है। उन्होंने बताया कि दोनों पंचायत प्रधानों को ये भी आदेश जारी किए गए हैं कि अगर उनके पास ग्राम पंचायत की कोई भी चल/अचल संपत्ति हो, तो उसे वह तुरंत संबंधित ग्राम पंचायत सचिव को सौंप दें।

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