बारिश का कहर: चमोली जिले में मकान और वाहन मलबे में दबे, जनजीवन अस्त-व्यस्त
चमोली। उत्तराखंड में हो रही भारी बारिश ने चमोली जिले में कहर बरपा रखा है। नदी-नाले उफान पर आ गए हैं और इसके चलते कई इलाकों में तबाही मची हुई है। कर्णप्रयाग नगर पालिका के सिमली क्षेत्र में रविवार रात हुई भारी बारिश ने जोसा और टोटा गदेरे को उफान पर ला दिया, जिससे आस-पास के लोग दहशत में आ गए। मलबे की चपेट में आने से सात से अधिक मकान बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि कई वाहन भी मलबे में दब गए।
रात के ढाई बजे अचानक आए इस उफान से लोग जाग गए और अपने जान-माल को बचाने के लिए घरों से बाहर निकलने लगे। इस दौरान, नरेंद्र सिंह बिष्ट के मकान में किराए पर रह रहे कैलाश चमोली फंस गए, जबकि उनके परिवार के बाकी सदस्य बाहर निकलने में सफल रहे। बाद में स्थानीय लोगों की मदद से कैलाश को मकान का पिछला दरवाजा तोड़कर सुरक्षित बाहर निकाला गया।
सिमली बाजार में मलबे के कारण कई दुकानों को नुकसान पहुंचा, जबकि एक कार और स्कूटी भी मलबे में दब गईं। वहीं, कर्णप्रयाग के सुभाषनगर में एक विशाल पेड़ गिरने से नैनीताल हाईवे पर आवागमन बाधित हो गया। हालांकि सुबह साढ़े सात बजे के करीब हाईवे को फिर से खोल दिया गया, लेकिन तब तक एक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका था।इस आपदा के चलते सिमली और कर्णप्रयाग में नैनीताल हाईवे बंद रहा, जिससे थराली क्षेत्र की कई सड़कों पर भी आवागमन ठप हो गया।
सुनला और थराली ग्वालदम तिराहे में चट्टानें टूटकर गिरने और मलबा आने से मार्ग अवरुद्ध हो गया है। वहीं, थराली देवाल मोटर मार्ग नंदकेसरी में भी बंद हो गया है, जिससे करीब दस हजार से अधिक लोगों का संपर्क पूरी तरह से कट गया है।तहसील मुख्यालय के पास राड़ी गदेरे में मलबा आने से वाहनों के साथ ही पैदल चलने वाले राहगीरों और स्कूली बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
लोनिवि ने जेसीबी मशीन की मदद से कुछ मलबा हटाकर छोटे वाहनों के लिए मार्ग खोलने की कोशिश की है, लेकिन बारिश और दलदल के कारण पैदल आवागमन अभी भी मुश्किल बना हुआ है। लगातार बारिश के कारण सुनला में सक्रिय लैंडस्लाइड जोन ने बीआरओ को सड़कें खोलने में काफी मुश्किलों में डाल दिया है। इस प्राकृतिक आपदा ने क्षेत्र के जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है, और प्रशासन लगातार स्थिति को सामान्य करने के प्रयास में जुटा हुआ है।