हल्द्वानी… #बड़ा सवाल : …तो क्या खैरना चिकित्सालय में डायलिसिस के अभाव में ‘बुझे दीपक’ की मौत आपदा में गिनी जाएगी

हल्द्वानी। सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र में भर्ती और रास्ते बंद होने की वजह से डायलिसिस के लिए हल्द्वानी न सके एक युवा की मौत हो गई। 29 वर्षीय दीपक कुमार मझेड़ा गांव का रहने वाला था। अब बड़ा सवाल यह है कि उसे सरकार द्वारा आपदा पीड़ितों को दिया जाने वाला मुआवजा उसके परिजनों को भी मिलेगा या फिर उसकी मौत सामान्य गिनी जाएगी। यह बात गरमपानी, बेतालघाट के केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डा. सतीश पंत ने भी यह माना है कि उसे डायलिसिस की सख्त आवश्यकता था। उन्होंने उसे वेंटीलेटर पर रखा लेकिन युवक रास्ता खुलने की प्रतीक्षा नहीं कर सका और उसने दम तोड़ दिया।

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​कहानी कुछ इस तरह है कि बेतालघाट के मझेड़ा गांव निवासी 29 वर्षीय दीपक दस वर्षों से बीमार है। उसे हर सप्ताह डायलिसिस के लिए हल्द्वानी जाना पड़ता है। लेकिन इस बार उसकी किस्मत में शायद फुल स्टॉप ही लिखा था। रविवार से क्षेत्र में बारिश शुरू हुई तो फिर रूकी नहीं। उधर दीपक की तबीयत लगातार बिगड़ने लगी। धीरे—धीरे रास्ते बंद होते चले गए। दीपक को लेकर हल्द्वानी पहुंचना मुश्किल हो गया। ऐसे में दीपक को डोली में बिठाकर परिजनों ने ग्रामीणों की मदद से खैरना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।


यहां चिकित्सकों ने उसकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उसे वेंटीलेटर पर तो रख दिया लेकिन डायलिसिस के लिए तो दीपक को हल्द्वानी ही पहुंचना था। जो उस समय कतई संभव नहीं था। एक एक सांस को मोहताज हो रहा रास्ता खुलने की राह कब तक ताकता उसने कल दम तोड़ दिया।
अब बड़ा सवाल यह है कि दीपक की मौत आपदा में गिनी जाएगी या उसे सामान्य मौत माना जाएगा। वजह यह है कि दीपक दस साल से नियमित रूप से अपना डायलिसिस करा रहा था, इस बार भ्ज्ञी तय तारीख पर जब उसका डायलिसिस नहीं हो सका तो उसकी हालत बिगड़ी। आपदा के कारण रास्ते बंद होने होने की वजह से वह चिकित्सालय नहीं जा सका इसलिए उसकी मौत की वजह आपदा को कहा जा सकता है।

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