भारत ने रचा इतिहास, चंद्रयान-3 के (Chandrayaan-3’s Vikram)विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर हुई सॉफ्ट लैंडिंग
नई दिल्ली- भारत ने एक बार फिर पूरी दुनिया में एक नया इतिहास रचा है भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई है। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश भी बन गया।
बता दें कि चंद्रयान टीम के विक्रम लैंडर ने चंद्रमा के दक्ष ने ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के साथ भारत ने नया इतिहास रच दिया है लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल ने शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की। यह उपलब्धि हासिल करने वाला भारत पहला देश बन गया है इस महत्वपूर्ण सफलता ने भारत के लिए अंतरिक्ष अन्वेषण की बाधाओं को समाप्त कर दिया है इस सफलता के बाद चारों ओर खुशी का महल है ।
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने सभी के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया उन्होंने कहा कि यह असफलता से सीख गया सबक था उन्होंने कहा कि रोवर के चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए अगले 14 दिन का इंतजार कर रहे हैं सोमनाथ ने बताया कि लंदन से मिले डाटा की समीक्षा के बाद रोबोट प्रज्ञान नीचे उतरेगी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू उपराष्ट्रपति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई नेताओं ने वैज्ञानिकों को बधाई दी है राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि चंद्रयान-3 की सफलता पूरी मानवता के लिए है और भारत ने अपने पारंपरिक उच्च ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ जोड़कर यह सफलता हासिल की है, हमारे लिए गौरव का पल है और नए भारत का यह उषाकाल है।
22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 लॉन्च किया गया था। यह चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करने वाला किसी भी देश का पहला अंतरिक्ष मिशन था। हालांकि, चंद्रयान-2 मिशन का विक्रम चंद्र लैंडर छह सितंबर 2019 को चंद्रमा पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
इसरो के प्रमुख एस. सोमनाथ कहते हैं कि 2019 का मिशन चंद्रयान-2 आंशिक सफल था, लेकिन इससे मिले अनुभव इसरो के चंद्रमा पर लैंडर उतारने के लिए नए प्रयास में काफी उपयोगी साबित हुए। इसके तहत चंद्रयान-3 में कई बदलाव किए गए