सामुदायिक कार्यशाला में दी गयी शाररिक शिक्षा के महत्व की जानकारी
अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के शिक्षा संकाय में चल रही सामुदायिक कार्यशाला के तहत रविवार को बीएड एवं एमएड प्रशिक्षुओं को शारीरिक शिक्षा के महत्व के बारे में जानकारी दी गईं।
इस अवसर पर योग ट्रेनरों की ओर से शिक्षा विभाग के प्रशिक्षुओं को योग के विभिन्न आसनों का योगाभ्यास कराया गया। विभागाध्यक्ष प्रो भीमा मनराल ने सभी प्रशिक्षुओं से जीवन में मानसिक विकास के साथ साथ शारीरिक विकास पर भी जोर देने को कहा। उन्होंने कहा कि योग स्वस्थ शरीर के साथ साथ स्वस्थ मन के लिए भी आवश्यक है।
वहीं पूर्व कुलसचिव रहे डॉ देवेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता है। उन्होंने कहा कि अध्यापक शिक्षा में शारीरिक विकास,संवेगात्मक विकास, मानसिक विकास,सामाजिक विकास सभी का अहम योगदान है। इसीलिए हर प्रशिक्षु को सभी पक्षों में बराबर ध्यान देना चाहिये।
सामुदायिक कार्यशाला के दूसरे सत्र में हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष रहे प्रो देव सिंह पोखरिया ने भाषा शिक्षण पर आधार व्याख्यान दिया। कार्यक्रम में डॉ रिजवाना सिद्दीकी, डॉ संगीता पवार, डॉ नीलम, डॉ ममता कांडपाल, मनोज आर्या ललिता रावल,सरोज जोशी, अंकिता कश्यप आदि मौजूद रहे।