देहरादून… #तहकीकात : कोरोना काल में निजी अस्पतालों की लूट पर राज्यों से मांगा जवाब, दून के युवक ने सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी याचिका
देहरादून। उत्तराखंड के अभिनव की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। जिन निजी अस्पतालों, नर्सिंग होमों ने केन्द्र सरकार द्वारा तय की गई दरों के अतिरिक्त वसूले हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर राज्यों से जवाब तलब किया है।
अब तक भारत में 3.42 करोड़ लोगों को कोरोना हुआ है। कोरोना से लोगों को जान-माल हानि के साथ-साथ आर्थिक मार भी झेलनी पड़ा।
कोरोनकाल में केंद्र सरकार द्वारा जून 2020 में प्राइवेट हस्पतालों के कोरोना मरीजों के लिए चार्ज निर्धारित किया था। लेकिन कई राज्यों के मरीजों से लाखों रुपये के बिल वसूले गये।
देहरादून निवासी सामाजिक कार्यकर्ता अभिनव थापर की सुप्रीम कोर्ट, नई दिल्ली में सुनवाई चल रही है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब मांगा था।
सुप्रीम कोर्ट के दो न्यायाधीशों वाली संयुक्त पीठ ने जनहित याचिका का संज्ञान लिया है।
जनहित याचिका के अधिवक्ता दीपक कुमार शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के नयायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ व न्यायाधीश बोपन्ना की संयुक्त पीठ ने इस याचिका के अत्याधिक बिल चार्ज के विषय मे गंभीर चिंता व्यक्त की। अभिनव थापर व उनके साथियों ने एक अभियान लड़ाई अभी बाकी है, हिसाब अभी बाकी है चलाया है। इसके लिए उन्होंने व्हाट्सएप नम्बर – 9870807913
और ईमेल id- [email protected] जारी किया है।
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