​ऋषिकेश… #विडंबना: पैरालंपिक स्टार नीरजा के पास न तो कोच, न ही इनडोर स्टेडियम, पर दावा करते नहीं अघाती सरकार

ऋषिकेश। तीर्थनगरी ​ऋषिकेश की अंतरराष्ट्रीय पैरालंपिक बैडमिंटन खिलाड़ी नीरजा गोयल को अब तक न तो कोच दिया गया और न ही खेलने के लिए इनडोर स्टेडियम उपलब्ध कराया गया। चार साल से खिलाड़ी इनडोर स्टेडियम की मांग कर रहे हैं। नीरजा मजबूरन सड़क पर अभ्यासा करने के लिए मजबूर है। जबकि सरकार खेल नीति लाकर खिलाड़ियों को तराशने, निखारने और खेलों को प्रति रूचि को बढ़ाने का दावा करते नहीं अघाती है। धरातल पर कुछ नहीं है।


पैरालंपिक खिलाड़ी नीरजा गोयल ने बताया कि पहले पैरा खिलाड़ी भरत मंदिर इंटर काॅलेज के परशुराम हाल में प्रैक्टिस करते थे, लेकिन निजी संपत्ति होने के चलते कॉलेज में वुडन फ्लोर बनाना संभव नहीं था। ऐसे में मजबूरी में उनको निर्मल आश्रम के समीप स्थित अपने के घर बाहर सड़क पर प्रैक्टिस करनी पड़ी। प्रैक्टिस के दौरान नीरजा चोटिल भी हो गईं। नीरजा की सड़क पर प्रैक्टिस करती हुई वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।


30 नवंबर को देहरादून में राष्ट्रीय पैरालंपिक प्रतियोगिता के ट्रायल होने हैं, लेकिन कोच और वुडन फ्लोर स्टेडियम न होने से तीर्थनगरी के पैरा खिलाड़ी सही ढंग से प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं। नीरजा समेत केवल चार पांच खिलाड़ी ही ट्रायल में प्रतिभाग करेंगे।

20 दिसंबर को भुवनेश्वर में राष्ट्रीय पैरालंपिक खेल प्रतियोगिता का आयोजन होना है। अधूरी तैयारियों के चलते खराब प्रदर्शन के डर से कई खिलाड़ी ट्रायल में शामिल ही नहीं हो रहे हैं। प्रवेश, मन्नू सिंह, संदीप भंडारी आदि पैरा खिलाड़ियों का कहना है सुविधाओं के अभाव में पैरालंपिक खिलाड़ी आखिर कैसे देश प्रदेश के लिए खेलेंगे।


नीरजा गोयल ने बताया कि चलने में असमर्थ पैरालंपिक खिलाड़ी विशेष व्हीलचेयर का प्रयोग करते हैं। इसकी कीमत करीब एक लाख से सवा लाख रुपये के बीच होती है। व्हीलचेयर पर प्रैक्टिस और खेलने के लिए वुडन फ्लोर का होना जरूरी है, लेकिन वुडन फ्लोर न होने से खिलाड़ी व्हीलचेयर को मूव ही नहीं कर पाते हैं। 

यह भी पढ़ें 👉  20 मई 2024 : आज का दिन और आपका राशिफल

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *