नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर चल रही थी जेल,पुलिस ने अवैध नशा मुक्ति केंद्र का किया भंडाफोड़
एक युवती समेत 50 से ज्यादा बंधक मुक्तपुलिस ने भिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर शुरू की जांच,आरोपियों की की जा रही है तलाश
नालागढ़। पुलिस ने ढांग गांव में चल रहे एक अवैध नशा मुक्ति केंद्र का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने नशा मुक्ति केंद्र में बंधक बनाकर रखे गए एक यवती समेत 50 से अधिक लोगों को मुक्त कराया है। पुलिस के छापा मारते ही अवैध नशा मुक्ति केद्र के संचालक मौके से भाग खड़े हुए।
मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की शाम लगभग तीन बजे के करीब केंद्र पर छापा मारा। पुलिस के केंद्र में पहुंचते ही संचालक मौके से भाग खड़े हुए जबकि केंद्र में बंधक बनाकर रखे गए एक युवती समेत पचास से अधिक लोग केंद्र भीतर ही मिले। पुलिस ने सबको सूचीबद्ध करने के बाद उनके परिजनों को सूचित किया। रात होते होते इन लोगों के परिजन मौके पर पहुंचने लगे थे। पुलिस ने कई लोगों को उनके परिजनों के सुपुर्द कर दिया। कल स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत पर पुलिस ने यह कार्रवाई की।
बंधक बनाकर रखे गए लोगों ने बताया कि उनके परिजनों से हर माह के निश्चित राशि वसूली जाती थी। इस अवैध केंद्र में वीआईपी रूम भी बनाया गया था। इस कमरे एक ऐसी भी लगाया गया था। जबकि शेष कक्षों में सिर्फ पंखा ही लगाया गया था। उन्होंने मीडिया को केंद्र के लिए पानी की आपूर्ति करने वाले टैंक को भी दिखाया जिसमें कीड़े पड़े हुए थे। इसी पानी को खाना बनाने व पीने में प्रयोग किया जाता था। बंधक बना कर रखे गए कई लोगों ने बताया कि केंद्र के संचालक उन्हें सजा देने के अमानवीय तरीके इस्तेमाल करते थे। उन्हें डंडों से पीटा जाता था। कई कई घंटे मुर्गा बना कर रखा जाता था।
परिजनों सें बात करने के लिए उन्हें फोन की सुविधा भी नहीं दी जाती थी। और तो और किसी भी बंधक को यह पता नहीं था कि यह केंद्र कहां पर स्थित है। मीडिया से जुड़े लोग जब केंद्र में पहुंचे तो पीड़ितों से उनके घरों में परिजनों से बात कराई गई। एक युवती भी केंद्र से मुक्त कराई गई है। केंद्र में भर्ती किए गए मरीजों के लिए किसी चिकित्सक की तैनाती तक नहीं की गई थी। मरीजों ने बताया कि एक व्यक्ति बीमार होने पर उन्हें दवाई दे जाता था। इसके अलावा केंद्र के भीतर नशे की आपूर्ति भी की जाती थीं।
हैरत वाली बात यह है कि महिला मरीज के लिए केंद्र में किसी महिला कर्मी की नियुक्ति नहीं की गई थी। पुलिस ने मोके पर पहुंच कर कार्रवाई शुरू कर दी है. इससे पहले कई पीड़ित अपने परिजनों के साथ घरों को लौट गए। पुलिस ने केंद्र संचालकों की मारपीट के शिकार लोगों का मेडिकल भी कराया है। केंद्र संचालकों की तलाश की जा रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी अशोक वर्मा ने बताया कि अवैध रूप से संचालित हो रहे इस केंद्र को लेकर जाँच की जा रही है । पुलिस संचालकों की तलाश में जुटी हुई है। घायलों का मेडिकल कराया गया है।
जानकर सूत्रों के अनुसार हिमाचल के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में नशा मुक्ति केंद्र के नाम पर एक दर्जन से ज्यादा अवैध केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। स्वस्थ्य विभाग व पुलिस को ऐसे केंद्रों पहचान करने की आवश्यकता है। इसके अलावा इस ताजा खुलासे के बाद सवाल उठ रहा है कि नशे की गिरफ्त में आए लोगों के परिजनों को भी केंद्र के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के लिए अपने बच्चों को इन केंद्रों में भर्ती कराना चाहिए।