कंगना के बोल पार्टी के लिए बन रहे सिरदर्द, किसान आंदोलन से लेकर अब तक दिए ये विवादित बयान

शिमला। बीजेपी सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत के तीन कृषि कानूनों पर दिए गए बयान पर बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा है। कंगना शुरू से किसान आंदोलन की मुखर विरोधी रही हैं। कंगना के बयानों के बाद पार्टी ने पल्ला झाड़ते हुए इसे उनकी निजी राय बताया था. वहीं, केंद्र के सहयोग से बन रहे बिजली महादेव रोपवे को लेकर दिया गया बयान भी पार्टी के खिलाफ ही देखा जा रहा है. वहीं, उनके बयानों से बीजेपी हरियाणा विधानसभा चुनावों में असहज नजर आ रही है।

देवता बिजली महादेव के दर्शन के दौरान खराहल घाटी के लोगों ने बिजली महादेव रोपवे के विरोध के बारे में सांसद कंगना रनौत को अवगत करवाया था। कंगना रनौत ने इस दौरान कहा कि, ‘वो इस बारे में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से जरूर बात करेंगी, क्योंकि आधुनिकता अपनी जगह है और देवता का आदेश अपनी जगह है। उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया है कि देवता का आदेश ही सर्वोपरि है. बिजली महादेव के लिए रोपवे मामले में वो लोगों के साथ हैं। मैंने खुद नितिन गडकरी से कहा था कि यहां के लोगों की इच्छा नहीं है कि यहां पर ये काम हो, जिसके बाद उन्होंने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन कुछ लोग अपने निजी स्वार्थ के लिए भी इससे जुड़े हुए हैं। अगर फिर से ऐसी स्थिति आती है तो मैं नितिन गडकरी के पास जाने से नहीं हिचकिचाउंगी. जो देवता चाहते ही नहीं है, हमें भी वैसा काम करने की जरूरत नहीं है।’

बांग्लादेश हिंसा से कर दी थी किसान आंदोलन की तुलना
अगस्त में एक निजी अखबार को दिए इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा, ‘जैसा बांग्लादेश में हुआ, वैसा यहां भी (भारत) में भी होते देर नहीं लगती, अगर हमारा शीर्ष नेतृत्व अगर इतना सशक्त नहीं होता। यहां पर जो किसान आंदोलन हुए, वहां पर लाशें लटकी थी, वहां पर रेप हो रहे थे और जब किसानों के हितकारी बिल वापस लिए गये थे, तब पूरा देश चौक गया था। वो किसान आज भी वहां बैठे हुए हैं. उन्होंने कभी सोचा ही नहीं कि बिल वापस होगा। ये बड़ी लंबी प्लानिंग थी, जैसे बांग्लादेश में हुआ। इस तरह की षड्यंत्र के पीछे चीन और अमेरिका जैसी विदेशी ताकतें हैं, जो यहां काम कर रही हैं।’ विपक्षी पार्टियों और किसान नेताओं ने कंगना के बयान पर खूब हंगामा किया था. विपक्षी पार्टियों ने कहा था कि कंगना का बयान अगर सच है तो ये देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ है। चीन और अमेरिका अगर ऐसी प्लानिंग कर रहे थे तो भारत सरकार क्या कदम उठा रही थी। इसपर सरकार का क्या रुख है। कंगना के बयान से पार्टी और सरकार दोनों असहज हो गए थे. बाद में पार्टी ने कंगना के इस बयान से किनारा कर लिया था. और इसे उनकी निजी राय बताया था।

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विक्रमादित्य सिंह और राहुल गांधी को बताया था पप्पू
लोकसभा चुनाव में रैली के दौरान कंगना ने राहुल गांधी और विक्रमादित्य सिंह को बड़ा पप्पू और छोटा पप्पू कहा था। कंगना ने कहा था कि, ‘एक बड़ा पप्पू है दिल्ली में लेकिन हमारे यहां पर भी एक छोटा पप्पू है। वो कहता है कि मैं गौमांस खाती हूं और उसके पास एक वीडियो है. वो वीडियो दिखाता क्यों नहीं है। झूठा और एक नंबर का पलटूबाज है ये छोटा पप्पू, लेकिन आप इससे क्या उम्मीद कर सकते हैं। जब इसका सीनियर बड़ा पप्पू कहता है कि हमें शक्ति का विनाश कर देना है, तो जब बड़ा पप्पू ऐसी बातें करता है तो छोटे पप्पू से क्या उम्मीद की जा सकती है।’

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किसान आंदोलन को बताया देश को तोड़ने की साजिश
2021 में कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल कुछ लोगों पर ‘खालिस्तानी आतंकवादी’ होने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा था कि इस आंदोलन में खालिस्तानी तत्व शामिल हैं। उन्होंने इसे देश को तोड़ने की साजिश करार दिया था, लेकिन हमें एक महिला को नहीं भूलना चाहिए। एकमात्र महिला प्रधानमंत्री ने इन्हें अपनी जूतियों के नीचे क्रश कर दिया था। कोई फक्र नहीं पढ़ता चाहे उन्होंने इस देश को कितनी भी तकलीफें क्यों ना दी हों, लेकिन उन्होंने अपनी जान की कीमत पर उन्हें मच्छरों की तरह कुचल दिया, लेकिन देश के टुकड़े नहीं होने दिए. उनकी मौत के बाद ये आज भी कांपते हैं इन्हें आज भी ऐसा ही गुरु चाहिए।’

रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग पर साधा था निशाना
फरवरी 2021 में किसान आंदोलन के समर्थन में इंटरनेशनल सेलेब्रिटी पॉप स्टार रिहाना और ग्रेटा थनबर्ग ने ट्वीट किया था। कंगना ने दोनों पर गुस्सा निकाला था। उन्होंने कहा था कि ‘इस बारे में कोई बात नहीं कर रहा है। ये किसान नहीं आतंकवादी है और भारत को तोड़ने की साजिश कर रहे हैं, ताकि चीन हमारे देश पर कब्जा कर सके. उन्होंने रिहाना को ‘मूर्ख’ कहा था।’

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महिलाओं पर पैसे लेकर प्रदर्शन में शामिल होने का लगाया था आरोप
कंगना ने किसान आंदोलन में शामिल महिला आंदोलनकारियों पर कई विवादित टिप्पणियां की थी। उन्होंने किसान आदोलन में शामिल महिलाओं को लेकर कहा था कि ये पैसे लेकर धरने में बैठी हैं. 100-100 रुपये लेकर ये प्रदर्शन करती हैं. इस बारे में शाहीन बाग की एक प्रदर्शनकारी बिलकिस बानो की तरह दिखने वाली एक महिला किसान (मोहिंद्र कौर) प्रदर्शन में भाग ले रही थी। उनके बारे में कंगना ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि, ‘इसमें लिखा था कि दिहाड़ी के हिसाब से दादी से धरने-प्रदर्शन का काम करवाया जाता है. कंगना ने लिखा, “ये वही दादी हैं जिन्हें टाइम मैग्जीन ने भारत के सबसे पावरफुल लोगों में शामिल किया था. ये 100 रुपये में अवेलेबल हैं।’

विवाद के बाद मांगी थी माफी
वहीं, 25 सितंबर को कंगना ने किसान आंदोलन को लेकर दिए अपने बयानों पर मांफी भी मांगी थी। उन्होंने एक्स पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कहा था कि, ‘जब किसान कानून प्रस्तावित किए गए थे, तो हम में से कई लोगों ने उनका समर्थन किया था, लेकिन बड़ी संवेदनशीलता और सहानुभूति के साथ, हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री ने उन कानूनों को वापस ले लिया था। मुझे खेद है कि अगर मैंने अपने शब्दों और विचारों से किसी को निराश किया है. मैं अपने शब्द वापस लेती हूं।’

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