हल्द्वानी…कुछ वर्षों में ही उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्वविद्यालय की कई उपलब्धियां लेकिन चुनौतियों से भी नावाकिफ नहीं हम : प्रो. नेगी  

सोमवार। उत्‍तराखण्‍ड मुक्‍त विश्‍वविद्यालय के कुलपति प्रो. ओम प्रकाश सिंह नेगी ने विश्‍वविद्यालय की उपलब्धियों व भविष्‍य की कार्ययोजनाओं को लेकर एक पत्रकार वार्ता में कहा कि विवि ने स्थापना के कम से कम समय में अधिक से अधिक उपलब्धियां अपने खाते में दर्ज करा ली है। उन्होंने कहा कि हम भविष्य में अपने वाली चुौतियों से भी नावाकिफ नहीं है।


प्रो. नेगी ने कहा कि  यह विश्‍वविद्यालय किराए के एक कमरे से शुरू होकर आज अपने भव्‍य संरचना में स्‍थापित हो चुका है। जहां लगभग मात्र 150 स्‍थाई, अस्‍थाई शिक्षक और कर्मचारी ही विश्वविद्यालय में कार्यरत थे आज विश्वविद्यालय में लगभग 300 स्‍थाई, अस्‍थाई शिक्षक, कर्मचारी कार्यरत हैं। जिससे विश्‍वविद्यालय को ‘नैक’ की मान्‍यता प्राप्‍त हुई और विश्‍वविद्यालय 12 ‘बी’ हेतु आवेदन के लिए योग्‍य हुआ। वहीं इससे विश्‍वविद्यालय की अकादमिक और प्रशासनिक क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ।

उन्‍होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में विश्वविद्यालय ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं, खासकर पिछले एक साल में विश्वविद्यालय ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। विश्वविद्यालय ने प्रथम बार में ही नैक ‘बी’ ++  का ग्रेड प्राप्त किया है, अभी विशिष्ट शिक्षा के माध्यम से 12 से अधिक राज्यों के युवाओं को दिव्यांगजनों के लिए शिक्षक तैयार करने के लिए देश की राष्ट्रपति से राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया। विश्वविद्यालय की कई योजनाएं हैं जिन्हें क्रियान्वयन की तैयारी चल रही है। 


उन्होंने ​कहा कि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी द्वारा अपनी स्थापना के उपरांत अल्प समय में ही दिव्यांगजनों के प्रति सशक्तिकरण, पुनर्वास एवं रोजगार के अवसर हेतु दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से कार्य करने प्रारंभ कर दिए थे। वर्ष 2015 में विश्वविद्यालय में विशेष शिक्षा विभाग की स्थापना की। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय राज्य का एकमात्र विश्वविद्यालय है जो कि दिव्यांगजनों के लिए विशेष शिक्षा से संबंधित पाठ्यक्रमों का संचालन कर रहा है।

वर्ष 2018 में नवीन यूजीसी रेगुलेशन अस्तित्व में आने के पश्चात कई अध्ययन केंद्र को बंद करना पड़ा और  विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रम का संचालन रोकना पड़ा। वर्ष 2019 में उन्होंने विश्वविद्यालय में कुलपति का पदभार ग्रहण करने के पश्चात बीएड विशेष शिक्षा के अधिगम अक्षमता व मानसिक मंदता से संबंधित  पाठ्यक्रम की नवीन मान्यता यूजीसी से ली।

वर्ष 2019 में कुल 221 विद्यार्थी बीएड विशेष शिक्षा में नामांकित थे, वर्ष 2020 में कुल 240 विद्यार्थी बीएड विशेष शिक्षा में नामांकित रहे, वर्ष 2021 में उन्होंने दिव्यांगजनों के लिए राज्य में, श्रवणबाधित  व दृष्टिबाधित विद्यार्थियों के लिए विशेष  शिक्षकों की कमी को दूर करने हेतु विशेष शिक्षा में दृष्टिबाधित और श्रवण बाधित पाठ्यक्रम की मान्यता के लिए प्रयास शुरू किया, जिसके फलस्वरूप विश्वविद्यालय अनुदान आयोग एवं भारतीय पुनर्वास परिषद ने दो नवीन पाठ्यक्रमों की मान्यता विश्वविद्यालय को प्रदान की जिसके फल स्वरुप विश्वविद्यालय में वर्ष 2021 में 355 विद्यार्थी बीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम में नामांकित हुए वर्तमान में सत्र 2022 में कुल 440 विद्यार्थी नामांकित है। 

इस प्रकार विश्वविद्यालय द्वारा वर्ष 2019 से वर्ष 2022 तक के बीच कुल 1000 से अधिक विशेष शिक्षकों को दिव्यांगजनों के लिए पुनर्वास पेशेवरों के रूप में विकसित करने का महत्वपूर्ण कार्य किया है जिसके आधार पर भारत सरकार द्वारा कुल 800 से अधिक कॉलेजों विश्वविद्यालयों व संस्थानों के बीच में से उत्तराखंड मुक्त विद्यालय को राष्ट्रीय पुरस्कार हेतु चयनित कर पुरस्कृत किया गया है।


केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्रालय के निर्देश पर भारतीय पुनर्वास परिषद ने दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से बीएड विशेष शिक्षा पाठ्यक्रम के लिए वर्ष 2021 से नवीन मानकों व नियमों की स्थापना करने हेतु उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी भी गठित की गई है जिसमें विश्वविद्यालय की आगामी योजना के तहत नवीन सत्र से सांकेतिक भाषा व ब्रेल लिपि भाषा में दो नवीन सर्टिफिकेट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों का संचालन दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से करेगा।


उन्होंने बताया कि ‘नैक’ (राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद) की मान्‍यता मिलने से अब विश्‍वविद्यालय के शिक्षक यूजीसी के शोध प्रोजेक्‍ट के लिए आवेदन कर सकते हैं तथा विश्‍वविद्यालय को कई मदों में यूजीसी से अनुदान मिल सकेगा है। छात्रों की उपाधि और अंकतालिका में ‘नैक’ की मान्‍यता लिखे होने से छात्रों की उपाधि का भी महत्‍व बढ़ेगा। कार्यक्रमों (पाठ्यक्रमों) के संचालन में भी आसानी होगी।


उन्होंने बताया कि कई मूक कार्यक्रम (पाठ्यक्रम) तैयार किए गए हैं, विश्‍वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा स्‍वयंप्रभा के लिए कई वीडियो व्‍याख्‍यान तैयार किए गए। कोरोना काल से अब तक लगभग एक हजार से अधिक वीडियो व्‍याख्‍यान और 2 हजार से अधिक ऑडियो (रेडियो)  व्‍याख्‍यान तैयार कर विश्‍वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड किए गए हैं।  


उन्होंने बताया कि भविष्य में ऑनलाईन शिक्षा के क्षेत्र में कार्य करने,नई राष्‍ट्रीय शिक्षा नीति को पूर्णत: लागू करने पर कार्य चल रहा है।
सभी 8 क्षेत्रीय कार्यालयों को अपने भवनों पर स्‍थापित करना और  देहरादून में गढ़वाल क्षेत्र के शिक्षार्थियों के लिए परिसर की स्‍थापना करना विवि का अगला लक्ष्य है।


इसके अलावा सीबीसीएस प्रणाली पर पाठ्यक्रम तैयार करना, रोजगारपरक शिक्षा पर जोर देना आदि कार्ययोजनाएं हैंजिन पर काम हो रहा है। इसके साथ ही एनसीसी के लिए भी आवेदन किया जा रहा है।

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