कोविड कर्फ्यू /त्वरित टिप्पणी: निर्णय तो लिया सरकार पर सुबह आठ बजे तक दूध- ब्रेड की दुकानें खुलने का इंतजार करना होगा, क्या यह व्यवहारिक है!

देहरादून। सरकार ने कोरेना कर्फ्यू में कुछ राहत देते हुए परचून की दुकानों को सप्ताह में एक के बजाए दो दिन खोले जाने का निर्णय लिया है। इसके अलावा स्कूली बच्चों की समस्याओं को देखते हुए एक जून यानी कल स्टेशनरी और बुक डिपो को खोले जाने का निर्णय भी लिया गया है। बाजार खोले जाने का निर्णय इस सप्ताह भी नहीं हो सका। शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि परचून की दुकानें सप्ताह में दो दिन एक जून और पांच जून को खोली जाएगी। इस बार कर्फ्यू में ढभ्ल कस समय सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक रखा जाएगा।
अब यदि सरकार के इस आदेश को मानें तो कर्फ्यू में ढील के दौरान सिर्फ आवश्यक वस्तुएं ही बेची जाएंगी। यानी दूध,मक्खन ब्रेड, दवाई, पेट्रोल, डीजल,सब्जी, मांस व मच्छी इत्यादि। परचून को पहले भी सरकार ने आवश्यकता की चीजों से बाहर रखा था। तब सप्ताह में एक दिन परचून की दुकानें खोले जाने का निर्णय सुनाया गया था। इस बार सप्ताह में दो दिन सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक परचून की दुकानें खोले जाने का निर्णय लिया गया है। इसका मतलब हुआ कि हर रोज सुबह आठ बजे से दोपहर बाद एक बजे तक दूध, मक्खन, दही, ब्रेड,सब्जी आदि बेचे—खरीदे जा सकेंगे। इससे पहले और बाद में नहीं। यानि अब आप को बेड टी पीने के लिए सुबह आठ बजे का इंतजार करना होगा। ऐसा ही कुछ ब्रेड व सब्जी आदि के लिए भी होगा। जल्दी नाश्ता करने वाले लोगों के लिए यह नियम अव्यवहारिक है। जैसे पिछले कर्फ्यू में परचून की दुकानें न खोलने का फैसला भी अव्यवहारिक माना गया था। एक दिन पहले एक खरीदा गया ब्रेड कोरोना से जंग जीते व्यक्तियों को ब्लैक फंगस की ओर नहीं धकेलेगा क्या।

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