नालागढ़… #यह_क्या : खुले में कैमिकल युक्त ठोस कचरा जला रहा मिल प्रबंधन

नालागढ़। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत भाटियां पंचायत में स्थित धागा फैक्ट्री पर पहले जहरीले पानी को खुलेआम नदी में छोड़ने का मामला सामने आया था लेकिन अब इसी धागा फैक्ट्री पर स्थानीय लोगों द्वारा जंगल के साथ खुलेआम जहरीला ठोस कचरा जलाने के भी गंभीर आरोप लग रहे हैं। स्थानीय युवकों की मानें तो जैसे ही वह ढाणा गांव से रामपुर गांव की ओर जा रहे थे तो वहां पर देखा कि खेतों के साथ नाले में आग लगी हुई थी।

वह जब स्थानीय युवक ने मौके पर जाकर देखा कि एक मजदूर कचरे को आग लगा रहा था। जब युवकों ने मजदूर से पूछा तो उसने बताया कि यह भाटिया में स्थित एक धागा फैक्ट्री का कचरा है जिसे यहाँ पर लाकर जलाते हैं। स्थानीय युवकों का कहना है कि फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा सरकारी आदेशों की धज्जियां उड़ाते हुए इस ठोस केमिकल युक्त जहरीले कचरे को ठोस कचरा प्लांट में भेजना था, लेकिन फैक्ट्री प्रबन्धन चंद पैसे बचाने के चक्कर में इस ठोस कचरा को खेतों के साथ जंगल में सरेआम जलाया जा रहा है। जिसके कारण क्षेत्रवासियों में गम्भीर बीमारी फैलने का खतरा बना हुआ है।


लोगों का कहना है कि सलज नामक इस ठोस कचरे में काफी जहरीले केमिकल होते हैं। इसे ठोस कचरा प्लांट में ही नष्ट किया जाता है, लेकिन फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा इसे खुलेआम जंगल के साथ नाले में फेंककर जलाया जा रहा है। जिसके कारण क्षेत्रवासियों को इस जहरीले धुएं से कई गंभीर बीमारियां फैलने का भी खतरा बना हुआ है।

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युवकों ने इस बारे में सरकार व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड बद्दी से इस धागा कंपनी के प्रबंधन एवं जो भी ठेकेदार यहां पर इस कचरे को फेंकता है। उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है ताकि आगे से कोई भी फैक्ट्री इस तरह ठोस कचरे को खुलेआम जंगल में ना फेंक सके और लोगों की सेहत साथ खिलवाड़ ना कर सके।

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आपको बता दें कि सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को लेकर करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है और हर पंचायत को आदेश दिए गए हैं कि अगर उनकी पंचायत में कोई खुलेआम में कचरा फेंकता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी लेकिन यहां पर ना तो पंचायत के प्रधान एवं अन्य सदस्य आगे आकर इसके खिलाफ आवाज उठा रहे हैं और ना ही प्रशासन के लोग इन पर कार्रवाई कर रहे हैं आपको बता दें कि इन बेलगांव फैक्ट्री मालिकों के ऊपर क्या कोई सरकार के नियम लागू नहीं होते हैं।

क्यों इन फैक्ट्री के मालिकों पर कार्रवाई नहीं होती पहले तो यह केमिकल युक्त जहरीला पानी नाले में खुलेआम छोड़कर लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं और अब यह जहरीला केमिकल युक्त ठोस कचरा भी जंगल के साथ जलाने लगे हैं और पर्यावरण को भी दूषित कर रहे हैं क्षेत्रवासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है अब देखना यही होगा कि कब इन फैक्ट्री मालिकों के ऊपर सरकार व प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाही की जाती है और कब लोगों की सेहत से हो रहे खिलवाड़ से लोगों को निजात मिल पाती है।

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इस बारे में धागा फैक्ट्री के एचआर मैनेजर से भी हमने इस बारे में बातचीत करने की कोशिश की तो उन्होंने कैमरे पर कुछ भी कहने से मना कर दिया और यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि यह कचरा उनका नहीं है।

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