नालागढ़ : म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोग कोविड-19 के चलते खासे परेशान, कलाकार म्यूजिक छोड़ने पर हो रहे हैं मजबूर
नालागढ़। कोविड-19 के चलते पूरे विश्व के साथ-साथ भारत देश के लोग भी खासे परेशान हैं, हिमाचल की बात की जाए तो सरकार द्वारा बीते दिनों मंदिरों में जागरण भंडारों और अन्य धार्मिक प्रोग्रामों पर covid-19 के बढ़ते मामलों को लेकर रोक लगवा दी गई थी इसके चलते अब म्यूजिक से जुड़े लोग खासे परेशान नजर आ रहे हैं म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों का कहना है कि पीछे 1 साल पूरा कोविड-19 के चलते कोई भी कार्यक्रम नहीं कर पाए जिसके चलते घर का गुजारा करना भी बहुत मुश्किल हो चुका था कलाकारों का कहना है कि उस समय कुछ प्रोग्राम लगे जिससे उन्होंने अपने घर का गुजारा किया लेकिन अब सरकारी आदेश एक बार फिर उनके कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है जिसके कारण उन्हें घर का गुजर बसर करने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है कलाकारों का कहना है कि नवरात्रे चल रहे हैं और हर साल नवरात्रों में उन्हें जागरण बुक होते थे लेकिन इस बार सरकारी आदेशों के चलते कोई भी मंदिरों में कार्यक्रम का आयोजन नहीं हो रहा है जिसके कारण उनके पास कोई भी प्रोग्राम इस समय नहीं है उन्होंने कहा कि एक कलाकार द्वारा अपना कीबोर्ड बेच कर अपने घर का गुजारा चलाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोग इस इन दिनों खासे परेशान हैं क्योंकि न तो उनके पास कोई प्रोग्राम आ रहे हैं और ना ही उनके पास आमदनी का कोई और साधन है। जिसके कारण वह घर का गुजारा चलाने में असमर्थ है साथ ही कलाकारों ने सरकार वह राजनीतिक पार्टियों पर आरोप लगाते हुए कहा है कि देश में जहां-जहां भी चुनाव आते हैं वहां-वहां पर बड़ी-बड़ी रैलियां करवाई जाती है जब देश में बड़ी-बड़ी रैलियां हो सकती है तो जागरण और अन्य धार्मिक प्रोग्रामों पर क्यों रोक लगाई जा रही है उन्होंने कहा कि हाल ही में प्रदेश में नगर निगम चुनाव थे उस समय भी काफी मात्रा में पार्टियों के लोगों द्वारा रैलियां की गई लेकिन इन रैलियों पर तो कोई कार्रवाई नहीं की गई। उल्टा म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की रोजी-रोटी छीनने की हिमाचल सरकार द्वारा कोशिश की जा रही है उन्होंने सरकार से गुहार लगाते हुए कहा है कि जल्द ही दिए गए आदेशों को वापस लिया जाए और मंदिरों में जागरण व अन्य धार्मिक कार्यक्रम करवाने की अनुमति दी जाए ताकि म्यूजिक इंडस्ट्री से जुड़े लोगों की दिक्कतें कम हो सके उन्होंने कहा कि अगर सरकार द्वारा यह निर्णय वापस नहीं लिया गया तो वे आगामी दिनों में भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार की होगी।