नालागढ़… प्रदर्शन:जूता फैक्ट्री में मजदूरों की हड़ताल छठे महीने में भी जारी ,400 से ज्यादा फैक्ट्री के मजदूर हुए हैं बेरोजगार
नालागढ़। प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ के तहत रंगुवाल गांव में स्थित देश की नामी जूता फैक्ट्री दृश्य शूज के कामगार बीते 6 माह से हड़ताल पर चल रहे हैं और अपनी मांगों को लेकर दोनों ही फैक्ट्रियों के गेटों पर मजदूरों ने तंबू लगाकर रोष प्रदर्शन किया जा रहा है इसी के चलते मंगलवार को भी मजदूरों ने फैक्टरी के गेट पर जमकर नारेबाजी कर रोष प्रदर्शन किया और कंपनी के मालिक के खिलाफ रोष जताया गया।
मजदूरों से जब हमें बातचीत की तो उनका कहना है कि बीते 6 माह पहले उन्हें पहले 45 दिन के लिए ब्रेक दी गई थी और उसके बाद फैक्ट्री के मालिक द्वारा उनका गेट बंद कर दिया गया और दोनों ही फैक्ट्रियों को बंद करने के बाद मालिक रफूचक्कर हो गया है उन्होंने कहा कि उसके बाद से ही लगातार लेबर कोर्ट बद्दी जिला पुलिस अधीक्षक बद्दी,डीसी सोलन सीएम जयराम ठाकुर तक शिकायत कर चुके हैं लेकिन आज तक ना तो उनका वेतन दिया गया है और ना ही उन्हें काम पर वापस लिया गया है और फैक्टरी प्रबंधन द्वारा कुछ मशीनरी भी रातों-रात चोरी करके उठा ली गई है और अब कंपनी मालिक फरार है और जब लेबर कोर्ट में तारीख होती है तो वहां पर एक एचआर मैनेजर ही आता है वह भी हाथ खड़े कर देता है कि उनके पास पैसा नहीं है वह कैसे उनका हिसाब करें। मजदूरों ने कंपनी प्रबंधन और लेबर विभाग के अधिकारियों से दो टूक शब्दों में चेतावनी दी है कि अगर जल्द से जल्द उनका 58 साल का हिसाब नहीं किया गया तो आंदोलन के रूप में तब्दील कर देंगे साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर फैक्ट्री मालिक कंपनी को नहीं चला सकता तो उनका 58 वर्ष का फुल एंड फाइनल हिसाब करें ताकि वह आगे किसी अन्य कंपनी में काम कर सके ।
साथ ही मजदूरों का कहना है कि वह 30-30 वर्षों से इस कंपनी में काम कर रहे हैं और उनकी अब उम्र भी हो चुकी है और यहां कोई भी फैक्ट्री उन्हें काम पर रखने को तैयार नहीं है उनका कहना है कि वह किराए के मकान में रहते हैं और उनका किराया भी अब कई -कई महीने का हो चुका है खाने पीने के भी लाले पड़ चुके हैं और करीब 400 से ज्यादा मजदूर बेरोजगार हो चुके हैं।
प्रदर्शनकारियों ने सरकार व प्रशासन से जल्द उनकी समस्या का हल करने की मांग उठाई है अब देखना यह होगा कि कब सरकार प्रशासन नींद से जागते हैं और कब मजदूरों को आ रही समस्याओं से निजात मिलती है क्योंकि यह फैक्ट्रियों को बंद करने का कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले भी दर्जनों फैक्ट्री मालिक इसी तरह रातों-रात फैक्ट्रियों को ताला लगाने के बाद रफूचक्कर हो गए थे।