हिमाचल: स्माइलैक्स कंपनी का नारकोटिक ड्रग लाइसेंस रद्द
बद्दी । ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी ने स्माइलैक्स फार्मा कंपनी का नारकोटिक ड्रग (नशीली दवाओं) का लाइसेंस रद्द कर दिया है। नोटिस का जवाब न मिलने पर ड्रग लाइसेंस अथॉरिटी ने यह कार्रवाई की है। इसी कंपनी की दूसरी इकाई बायोजेनिटक कंपनी को भी नोटिस दिया है। अगर वह भी समय पर जवाब नहीं देती तो उसका भी लाइसेंस रद्द किया जाएगा।
विभाग ने बीते सप्ताह ही कंपनी को नोटिस जारी किया था, मगर कंपनी प्रबंधकों ने कोई जवाब नहीं दिया। मोहाली मेें प्रतिबंंधित दवाएं मिलने के बाद पंजाब के नारकोटिक सेल व एसटीएफ की टीम ने बद्दी की स्माइलैक्स फार्मा कंपनी में दबिश दी थी। यहां पर टीमों को प्रतिबंधित दवाओं के साथ-साथ ट्रामाडोल और कफ सिरप में इस्तेमाल होने वाला कोडिन भी मिला, जिसे पंजाब से आई टीमों ने कब्जे में ले लिया।
कोडिन का इस्तेमाल नशे के लिए भी किया जाता है। ऐसे में इस सारे स्टाॅक के प्रयोग करने और दवा उत्पादन में ब्योरे का रिकाॅर्ड कई सालों तक रखना पड़ता है। राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय की टीम ने भी जांच में पाया कि कंपनी के पास दवा निर्माण का लाइसेंस था, लेकिन इसे बेचने के लिए पहले विभाग, पुलिस अधीक्षक व संबंधित राज्य के ड्रग नियंत्रक को अवगत कराना था। राज्य दवा नियंत्रक कार्यालय की टीम ने स्माइलैक्स कंपनी को नोटिस जारी किया था और तीन दिन के भीतर इसका जवाब मांगा था, लेकिन कंपनी की ओर से निर्धारित समय में कोई भी जवाब नहीं दिया गया। इस पर ड्रग विभाग की लाइसेंस अथॉरिटी ने नारकोटिक ड्रग निर्माण का लाइसेंस रद्द कर दिया है।
दवा निर्माता संघ ने दोनों कंपनियों की छीनी सदस्यता
हिमाचल दवा निर्माता संघ ने बायोजेनेटिक ड्रग्स व स्माइलैक्स फार्मा कंपनी की सदस्यता रद्द कर दी है। संघ के राज्य अध्यक्ष डॉ. राजेश गुप्ता ने बताया कि जब तक जांच और नशा बेचने के गंभीर आरोपों से दोनों कंपनियों का प्रबंधन खुद को दोषमुक्त नहीं कर लेता, तब तक उनकी प्राथमिक सदस्यता निलंबित रहेगी। संघ सरकारी जांच का पूरी तरह से समर्थन करता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल दवा निर्माता संघ ने पिछले पांच दिनों से मैसर्स बायोजेनेटिक ड्रग्स प्राइवेट लिमिटेड और स्माइलैक्स फार्मा कंपनियों पर की गई कार्रवाई का विस्तृत अध्ययन किया। हिमाचल प्रदेश ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी नोटिस समय और नारकोटिक्स ब्यूरो की ओर से की जा रही कार्रवाई को समझा।
दोनों कंपनियों के प्रमोटर एमबी गोयल से भी जानकारी ली। एमबी गोयल का कहना है कि उन्होंने कोई उल्लंघन नहीं किया है। सरकार की ओर से अधिकृत नारकोटिक्स कोटे में दवाई बनाने के लिए दोनों कंपनियां केंद्र और हिमाचल प्रदेश सरकार से पंजीकृत थीं। उनके पास हिमाचल ड्रग विभाग से जरूरी अप्रूवल भी थे, लेकिन वितरण के समय कंपनी पर जो नॉर्म्स और सूचना के उल्लंघन के आरोप लगे है, उन पर जांच चल रही है। कच्चा माल भी जब्त किया गया है, जो कंपनी ने अधिकृत तरीके से खरीदा था और वह जांच के दायरे का मामला है। हिमाचल दवा निर्माता संघ ऐसी किसी भी नारकोटिक्स और ड्रग विभाग की जांच के मामले में सभी विनिर्माताओं से आवेदन करता है कि वह अपना रिकॉर्ड सही रखें और समय-समय पर उसे ड्रग विभाग और नारकोटिक्स विभाग के रेगुलेटर्स से सत्यापित भी करवाते रहें।