नौणी और कृषि विवि पालमपुर ने संभाली स्वर्ण जयंती मशाल

सोलन। हाल ही में कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), सुंदरनगर में आयोजित राज्य कार्य योजना कार्यशाला 2024-25 में डा. यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी और कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), नई दिल्ली की ओर से स्वर्ण जयंती समारोह मशाल सौंपी गई।

भारत में पहले कृषि विज्ञान केंद्रों की स्थापना के स्वर्ण जयंती समारोह की स्मृति में, आईसीएआर ने देश भर में विभिन्न केवीके के बीच एक डिजिटल मशाल पारित करने की एक मुहिम शुरू की है। भारत में पुडुचेरी में 1974 में देश का पहला कृषि विज्ञान केंद्र स्थापित किया गया था। यह मशाल कृषि प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने और कृषक समुदाय के उत्थान में केवीके की महत्वपूर्ण भूमिका का प्रतिनिधित्व करता है। वर्तमान में 731 केवीके देश में कार्य कर रहें हैं। ये केंद्र प्रयोगशाला से खेत तक तकनीकी नवाचारों के प्रसार के लिए महत्वपूर्ण केंद्र के रूप में काम करते हैं, जिससे देश की कृषि समृद्धि में योगदान मिलता है।

मशाल को आईसीएआर के कृषि प्रौद्योगिकी अनुप्रयोग अनुसंधान संस्थान (एटीएआरआई), जोन 1 के निदेशक डॉ. परवेन्दर शेरोन द्वारा औपचारिक रूप से नौणी विवि और कृषि विवि को हस्तांतरित किया गया। कृषि विवि के निदेशक विस्तार डॉ. नवीन कुमार और नौणी विवि से संयुक्त निदेशक संचार डॉ. अनिल सूद ने अपने संबंधित संस्थानों की ओर से मशाल प्राप्त की। यह मशाल अब हिमाचल प्रदेश के सभी केवीके में यात्रा करेगी, जिससे कृषि वैज्ञानिकों के बीच एकता और प्रगति की भावना को बढ़ावा मिलेगा।

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राज्य कार्य योजना कार्यशाला ने हिमाचल प्रदेश के सभी केवीके के वैज्ञानिकों को आगामी वर्ष के लिए रणनीतियों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच प्रदान किया। फसल सुरक्षा, पादप और बागवानी विज्ञान, कृषि वानिकी, पशु विज्ञान और गृह विज्ञान सहित विविध विषयों पर सत्र आयोजित किए गए, जिनमें कृषि उत्पादकता और स्थिरता को बढ़ाने के उद्देश्य से प्रस्तुतियाँ और इंटरैक्टिव चर्चाएँ शामिल थीं।

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