हरियाणा सरकार का बड़ा फैसला , पंचकूला में 3 मंजिल के ऊपर निर्माण की अनुमति नहीं,सभी आवेदन रद्द
चंडीगढ़ । पंचकूला में 3 मंजिल के ऊपर निर्माण की समस्या से जूझ रहे पड़ोसियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की मांग पर प्रदेश सरकार ने 3 मंजिल के ऊपर निर्माण की अनुमति के लिए लंबित सभी आवेदनों को रद्द कर दिया है। सोमवार देर शाम हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। साथ ही भविष्य में इस प्रकार के निर्माण कार्यों पर रोक भी लगा दी गई है। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने इसके लिए प्रदेश सरकार का आभार व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जनहित में यह निर्णय लेकर शहरवासियों की बड़ी समस्या को हल कर दिया है।
गौरतलब है कि विस अध्यक्ष पिछले सोमवार को ही इस समस्या को लेकर मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मिले थे। मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था कि शहरवासियों की मांग के अनुसार जल्द समाधान कर दिया जाएगा। एक सप्ताह भीतर इस पर ठोस सकारात्मक निर्णय ले लिया है।
बता दें कि गत वर्ष हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण ने पंचकूला शहर में तल क्षेत्र अनुपात (एफएआर) में परिवर्तन कर आवासीय प्लॉटों पर 3 मंजिल के ऊपर भी निर्माण की अनुमति दी थी। इस अनुमति के बाद अनेक लोगों ने 4 मंजिल तक घर बना लिए, जिस कारण उनके पड़ोसियों की हवा और रोशनी प्रभावित हुई। अनेक मकानों में दरारें भी आईं और कुछ स्थानों पर इमारतें झुकने तक लगीं। समस्या को लेकर आरडब्ल्यूए आदि अनेक संस्थाओं तथा स्थानीय नागरिकों ने विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता से संपर्क किया था। पूर्व सेनाध्यक्ष जनरल वीपी मलिक ने भी विस अध्यक्ष के सम्मुख इस समस्या को रखा था।
जनरल वीपी मलिक ने गत वर्ष 12 सितम्बर को विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता को दिए गए ज्ञापन में कहा था कि आरडब्ल्यूए और स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण भूतल पर पार्किंग स्थल के साथ 4 मंजिला निर्माण कुछ समय के लिए रोक दिया गया था, लेकिन हाल ही में ऐसे निर्माण फिर से शुरू हो गए हैं।
पुराने सेक्टरों में संकरी बी और सी सडक़ों पर ये निर्माण कार्य पर्यावरण की दृष्टि से हानिकारक, लोगों के स्वास्थ्य और शहर पर प्रतिकूल असर डालने वाले हैं। इससे पड़ोस के घरों में ताजी हवा का प्रवाह बाधित हुआ और सूरज की रोशनी भी रुक गई। ज्ञापन में यह भी कहा गया कि ऊंची मंजिलों से लोगों को संकरी सडक़ों के पार रहने वाले लोगों के घरों में देखने की अनुमति देकर निवासियों की गोपनीयता और सुरक्षा का उल्लंघन है। इसके अलावा जनसंख्या घनत्व में वृद्धि से सेक्टरों में पानी की आपूर्ति, जल निकासी और सीवरेज पर भी दबाव पड़ेगा।
ज्ञापन में कहा गया था कि पंचकूला अपने लेआउट, परिवेश और हरित पर्यावरण के लिए बहुत प्रशंसित शहर है। एफएआर परिवर्तन बहुमंजिला फ्लैटों के निर्माण की अनुमति देता है, जो स्थानीय निवासियों और शहर के हित में नहीं है। इसलिए बी और सी सडक़ों पर इसे स्थायी रूप से बंद किया जाना चाहिए। पिछले सोमवार को विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने यह समस्या मुख्यमंत्री के सम्मुख रखी थी। मुख्यमंत्री ने उन्हें जल्द समाधान का आश्वासन दिया था।