शूलिनी मेला : इतनी भीड़ और एक भी जेब नहीं कटी, कोई चेन नहीं छिनी…खुल गया राज
सोलन। इस बार सोलन का शूलिनी मेला बिना किसी छीना झपटी, जेबकतरने की घटना के बिना संपन्न हो गया। क्या आप जानते हैं कि ऐसा कैसे संभव हुआ। दरअसल तीन दिवसीय शूलिनी मेले में चेन स्नेचिंग, वाहन चोरी और जेबतराशी की घटनाएं सारा मजा किरकिरा कर देती थीं। संभवत: यह पहला मौका है जब मेले के दौरान इस तरह की एक भी वारदात सामने नहीं आई। क्या थी इसके पीछे की वजह को हमने सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह से ही जानने का प्रयास किया।
सोलन के एसपी गौरव सिंह ने इस तथ्य पर संतुष्टि जताई कि इस बार इतने बड़े शूलिनी मेले में इस तरह की कोई वारदात रिपोर्ट नहीं हुई। कुछ बच्चे मेले की भीड़ में अपने माता पिता से अवश्य बिछड़े लेकिन उन्हें भी कम से कम समय में उनके माता पिता तक पहुंचा दिया गया।
उन्होंने बताया कि शूलिनी मेले तक अपराधियों की पहुंच को रोकने के लिए पुलिस ने कई दिन पहले से रिहर्सल करनी शुरू कर दी थी। पिछले कई वर्षों के शूलिनी मेलों के आपराधिक रिकार्ड खंगाले गए। जहां से पता किया गया कि शूलिनी मेले के दौरान किस तरह के अपराधिक कृत्यों को अंजाम दिया जाता है। यहीं से उन अपराधियों को भी चिन्हिृत किया गया जो ऐसी घटनाओं में शामिल रहे हैं।
यहीं नहीं शहर व आसपास के थाना क्षेत्रों में रहने वाले इस तरह के अपराधियों की भी सूची बनाई गई। इस तरह कम से कम डेढ सौ संदिग्धों की सूची तैयार हुई। इनमें से पचास ऐसे थे जिनसे मेले की शांति को खतरा था। उन पर पुलिस की निगरानी बढ़ा दी गई। उन्हें मालूम हो गया था कि इस दौरान यदि उन्होंने किसी भी प्रकार की संदिग्ध हरकत की तो उनकी खैर नहीं।
इसके अलावा तकरीबन एक सौ संदिग्धों को सर्विलांस पर डाल दिया गया। उन्हें नहीं मालूम था कि पुलिस उन पर अपनी पैनी नजर रखे हुए है। इससे पहले वे किसी वारदात को अंजाम देते पुलिस ने सतर्कता के साथ उनकी किसी भी योजना को सिरे नहीं चढ़ने दिया।
उन्होंने बताया कि मेले के दौरान एक युवक के अपहरण की रिपोर्ट जरूर दर्ज की गई लेकिन सोलन पुलिस ने रातों रात इस युक को भी बरामद करके उसके परिजनों के हवाले कर दिया। पूछताछ में पता चला कि युवक का अपहरण नहीं हुआ था बल्कि उसने अपने पिता की डांट से नाराज होकर अपने अपहरण का नाटक रचा था।