हे भगवान @ काशीपुर: मरीज की जान अधर में डाक्टरों ने लगा दी पैसे जमा करने की शर्त, पुलिस भी फेल अब क्या होगा…
काशीपुर। यहां के मुदाराबाद रोड स्थित एक निजी चिकित्सालय में भर्ती मरीज के पिता ने पुलिस क्षेत्राधिकारी को फोन कर अस्पताल द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने तथा मरीज के उपचार में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सूचना पर पुलिस क्षेत्राधिकारी अक्षय प्रह्लाद कोंडे ने मामले का संज्ञान लेते हुए तत्काल कुंडा थाना को निर्देशित करते हुए मामले का संज्ञान लेने को कहा सूचना पर पहुंचे मंडी चौकी प्रभारी अशोक फर्त्याल ने मौके पर पहुंचकर मरीज के परिजनों से मिले। उत्तर प्रदेश के जिला मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा निवासी मरीज के पिता अजय वर्मा ने बताया कि उनके पुत्र संजय वर्मा का बीती 14 अगस्त की रात्रि करीब 11:00 बजे ठाकुरद्वारा तिकोनिया स्थित जाते समय अचानक सामने कुत्ता आ गया था, जिससे उनके भाई संजय वर्मा दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गया था इस दौरान संजय वर्मा के सिर में गंभीर चोट आई थी । उन्होंने बताया कि उनके द्वारा 14 अगस्त की रात को ही अपने भाई संजय वर्मा को मुरादाबाद रोड स्थित केवीआर अस्पताल में भर्ती करा दिया था। इस दौरान अस्पताल में मौजूद डॉक्टरों ने उनसे 1 लाख रुपए जमा करने को कहा परंतु रात्रि में उनके पास इतने पैसे नहीं उस समय उन्होंने 20 हजार रुपए अस्पताल में जमा कर कहा कि बाकी रुपए दिन में अस्पताल में जमा कर दिए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अगले दिन 1 लाख 25 हजार रुपए उनके द्वारा केवीआर अस्पताल में जमा करा दिए गए जिस पर दिल्ली से आए दिमाग से डॉक्टर ने उनके पुत्र का दिमाग का ऑपरेशन करके दिमाग में ट्यूब डाल दी। ऑपरेशन के 2 दिन के बाद उनका पुत्र सबसे अच्छे से बातचीत करने लगा था परंतु 3 दिन के बाद ही डॉक्टरों ने दिमाग में पड़ी ट्यूब फिर से निकाल दी। जिससे उसके पुत्र की हालत खराब हो गई उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके पुत्र के उपचार में अस्पताल में अब तक करीब 4 लाख रुपए खर्च हो चुके हैं।
परंतु उनके पुत्र की हालत सुधार में नहीं है, उन्होंने बताया कि उनके द्वारा जब डॉक्टर पंकज डावर से बातचीत की गई तो डॉक्टर ने उन्हें डांट कर कहा कि वह उनके बेटे का गला काटकर उसमें नलकी डालेंगे। मरीज का गला काटकर नलकी डालने की बात पर परिजनों में हड़कंप मच गया।
उन्होंने आरोप लगाया कि अब डॉ पंकज डावर उनके पुत्र के गले को काटकर उसमें नलकी डालने का ऑपरेशन करने के 20 हजार रुपए और मांग रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिन निकलते ही 9 हजार रुपए की दवाई मेडिकल से आती है। और दोपहर के बाद 13 हजार रुपए की दवाई मेडिकल से मंगाई जाती है परंतु उनके पुत्र को कोई फायदा नहीं हो रहा है।
उन्होंने अस्पताल के डाक्टरों पर यह भी आरोप लगाया कि जब उनका आयुष्मान कार्ड बना हुआ था तो डाक्टरों ने आयुष्मान कार्ड के द्वारा उनके पुत्र का उपचार क्यों नहीं किया। इस दौरान पुलिस और केबीआर अस्पताल के डॉक्टरों तथा मरीज के परिजनों के बीच करीब 2 घंटे चली बातचीत में कोई निर्णय नहीं निकल पाया डॉक्टरों का कहना था की अस्पताल में पैसे जमा करेंगे तभी उपचार किया जाएगा अन्यथा अपने मरीज को कहीं भी उपचार के लिए ले जा सकते हैं।
उधर परिजनों का कहना है कि उनके पास उपचार के लिए रुपए नहीं है अस्पताल के डॉक्टर उनके मरीज का उपचार करें मरीज की हालत सही होगी तभी वह कहीं से भी रुपयों की व्यवस्था करके अस्पताल में जमा कराएंगे। उधर अस्पताल के डॉक्टर भी अपनी बात पर कायम है उनका कहना है कि अस्पताल में उपचार कराना है तो रुपए जमा करने तो पड़ेंगे ही।