रामपुर बुशहर… #आक्रोश : महंगाई पर सीपीएम गुस्से में, किया जोरदार प्रदर्शन
रामपुर बुशहर। सीपीएम लोकल कमेटी रामपुर ने केंद्रीय व राज्य कमेटी के आह्वान पर पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस व आम जीवन में इस्तेमाल होने वाली बस्तुओं के दामों में हो रही बढ़ोतरी के खिलाफ आज रामपुर में प्रदर्शन किया।
सीपीएम लोकल कमेटी सचिव कुलदीप सिंह, बिहार सेवगी, रंजीत ठाकुर, योगेंद्र ने कहा कि देश की सरकार की नव उदारवादी नीतियों ने इस देश की जनता का जीवन संकट में डाल दिया है। उत्पादन करने वाली शक्तियों मजदूर और किसान के खिलाफ युद्ध छेड़ के रखा है।
जहां एक तरफ कोरोना महामारी के चलते देश की जनता परेशानियों का सामना कर रही है। इस विकट परिस्थिति में सरकार को आम जनता के राहत देने के बजाय देश की सरकार ने पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस के दामों में कई गुणा बढ़ोतरी करके पंजीपतियों को खुश करने के लिए लगातार नीतियों को बना रही है। आम जनता पर महंगाई का बोझ डाल रही है।
जिस पर केंद्र की मोदी व प्रदेश की जयराम सरकार रोक लगाने में असफल रही है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी से परिवहन की कीमतें बढ़ने से आवश्यक बस्तुओं की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। पिछले कुछ दिनों पहले पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुछ कटौती जरूर हुई है। जो बहुत कम है और केंद्रीय उत्पाद शुल्क और कम करने की आवश्यकता है। पिछले दस महीनों के दौरान इन कीमतों में 20 रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है।
देश व प्रदेश सरकार ने कटौती पेट्रोल पर 12 रुपये व डीजल 17 रुपये की की है। अभी भी पेट्रोल की कीमत लगभग 97 रुपये लीटर के आसपास और डीजल 82 रुपये लीटर से अधिक है। महंगाई लगातार आसमान छू रही है। लॉक डाउन के दौरान देश के 33 लाख बच्चे कुपोषण के शिकार हुए हैं। देश की 54 फीसदी महिलाएं खून की कमी से ग्रसित हैं।
पूरी दुनियां का जो सर्वे भी आया है, उसमें भूख से ग्रसित 116 देशों की लिस्ट में हमारे देश का स्थान 101 है और देश का रेंक जो किसी 2014 में 55 स्थान पर था लगातार गिर रहा है। देश की सरकार की कॉरपोरेट पस्त नीतियों के चलते हमारे देश की आम जनता को अपनी आजीविका का निर्वहन करना कठिन हो रहा है ।
पेट्रोल और डीजल के दाम में बढ़ोतरी से परिवहन की उच्च लागत होने के कारण सभी आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हुई है। खाना पकाने का तेल 250 रुपये से अधिक हो गया है, फल, सब्जियां और दूध, प्याज, टमाटर,दाल आदि के दाम 50 रुपये से लेकर 150 रुपये से अधिक हो गए हैं और आम जनता के पंहुच से दूर हो रहे हैं।
इस साल के नौ महीनों में, रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में 205 रुपये की वृद्धि हुई। आज एक सिलेंडर की कीमत 1,000. रुपये से अधिक हो गई है। जिसका नतीजा ये हुआ है कि देश की 42 प्रतिशत जनता ने गैस पर खाना बनाना छोड़ दिया है।
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