ये कैसा न्याय :पंचायत ने बेटे के गुनाह की सजा बूढ़े मां-बाप को दी, हुक्का-पानी बंद कर लगा दिए ये 15 प्रतिबंध

हलवारा (लुधियाना)। गुनाह बेटे ने किया और पंचायत ने सामाजिक बहिष्कार कर सजा उसके माता पिता को सुना दी। परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया। खाप पंचायत की तर्ज पर लिए गए इस फैसले से पीड़ित परिवार गहरे सदमे में है। मामला चर्चा में आने के बाद अब अफसरशाही जागी है और इस तुगलकी फरमान को सुनाने वाली पंचायत के खिलाफ कार्रवाई की बात कही जा रही है।

मामला लुधियाना की तहसील रायकोट के गांव जौहलां से जुड़ा हुआ है। गांव के किसान हरजीत सिंह का बेटा सुखदीप एक जुलाई से गायब है। आरोप है कि वह गांव की एक शादीशुदा महिला को भगा ले गया है। मामले में छह जुलाई को पंचायत बैठी और बेटे के गुनाह की सजा पिता व माता को सुना दी गई। पंचायत और भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा की स्थानीय इकाई ने मिलकर परिवार के सामाजिक बहिष्कार का फरमान जारी कर दिया। इसके तहत 15 प्रस्ताव पास किए गए, जिनमें परिवार का हुक्का पानी बंद करने के साथ-साथ किराना से राशन लेने, डेयरी में दूध बेचने, स्वास्थ्य केंद्र से इलाज कराना तक प्रतिबंधित कर दिया गया।


गांव के चारों गुरुद्वारों के लाउड स्पीकर से बाकायदा इसकी घोषणा कर चेतावनी भी जारी की गई कि यदि गांव का कोई व्यक्ति इस परिवार से संबंध रखेगा तो उससे 50 हजार रुपये जुर्माना वसूला जाएगा। साथ ही उसका भी सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा। इस तुगलकी फरमान के खिलाफ हरजीत सिंह व उनकी पत्नी परमजीत कौर दुहाई देते रहे कि उनके बेटे की करनी की सजा उन्हें क्यों दी जा रही है। वह इस बारे में कुछ नहीं जानते। लेकिन पंचायत अपने फैसले पर अडिग रही। पंचायत और किसान यूनियन के इस लिखित फरमान पर सरपंच रंजीत कौर और किसान नेता बलजिंदर सिंह सहित 50 लोगों के हस्ताक्षर हैं।

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हमें पंचायत में बुलाया तक नहीं, और फरमान सुना दिया
पीड़ित परिवार का कहना है कि पंचायत के इस फैसले से वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे हैं। जीना दूभर हो गया है। उन्हें कोई जानकारी नहीं है कि उनका बेटा और महिला कहां हैं। उन्हें दोनों के संबंधों की भनक तक नहीं थी। यदि बेटे ने गुनाह किया है तो सजा भी उसे ही मिलनी चाहिए। पंचायत ने हमारा पक्ष तक नहीं सुना। हमें बुलाया भी नहीं। बहिष्कार के फैसले की जानकारी भी गुरुद्वारों के लाउड स्पीकर से की गई घोषणा से मिली।
मामला बेहद गंभीर, कड़ी कार्रवाई होगी
लुधियाना की डीसी सुरभि मलिक ने मामले को बेहद गंभीर बताते हुए कहा कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। डीडीपीओ और एसडीएम को तुरंत जांच के आदेश दे दिए हैं। पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की गई है। पीड़ित परिवार को इंसाफ दिया जाएगा।
फरमान गैरकानूनी, पंचायत को नोटिस जारी
डीडीपीओ अमरिंदर पाल सिंह चौहान ने बताया कि सरपंच ने गैर कानूनी काम किया है। इसके लिए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सरपंच रंजीत कौर को कहा गया है कि वह नया प्रस्ताव डालकर फैसला रद्द करें। सरपंच अपनी गलती मान रही हैं। एक चुनी हुई पंचायत ऐसा गैर कानूनी फैसला नहीं दे सकती। कानूनन जो भी कार्रवाई बनती है, वह की जाएगी। पूरे प्रकरण की रिपोर्ट डीसी को भेजी जाएगी। दूसरी ओर, रायकोट के एसडीएम गुरबीर सिंह कोहली ने बताया कि बीडीपीओ को गांव भेजकर कर कार्यवाही करने को कह दिया गया है। जिसने भी गलती की है, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
कानून की जानकारी नहीं थी, सरपंच से गलती हुई
महिला सरपंच रंजीत कौर के पति केवल सिंह का कहना है कि गांव के किसान नेता उनसे सरपंच का लेटर हैड ले गए थे। उस पर ये प्रस्ताव डालकर ले आए। दबाव में आकर उनकी सरपंच पत्नी ने हस्ताक्षर कर दिए। उन्हें कानून की जानकारी नहीं थी, इसलिए उनसे गलती हो गई।
भाकियू डकौंदा प्रधान बोले-हमारी यूनियन की नीति ऐसी नहीं
भारतीय किसान यूनियन एकता डकौंदा के प्रधान बूटा सिंह बुर्जगिल ने कहा कि अगर उनके किसी नेता ने इस तुगलकी फरमान पर हस्ताक्षर किए हैं तो यह गलत है। हमारी यूनियन की नीति यह नहीं है।
पुलिस-प्रशासन की टीम पहुंची घर, परिवार को दिया सुरक्षा का भरोसा
मामला सुर्खियों में आने के बाद शाम करीब सात बजे पुलिस और प्रशासन की टीम पीड़ित परिवार के घर पहुंची। बीडीपीओ परमिंदर सिंह और एक महिला पुलिस अधिकारी ने परिवार को सामाजिक सुरक्षा और इंसाफ का भरोसा दिलाया। साथ ही यह भी आश्वासन दिया कि सोमवार को वरिष्ठ अधिकारी पंचायत के साथ बैठक कर उचित कार्रवाई करेंगे।
ये 15 प्रस्ताव पंचायत में किए गए पास

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गांव की डेयरी में दूध नहीं बेच सकते। करियाना दुकान से राशन नहीं ले सकते। चक्की से आटा नहीं पिसवा सकते। सरकारी गैर सरकारी मेडिकल सहायता और दवा नहीं ले सकते। सोसाइटी में खाता बंद कर दिया जाएगा। बैंक में बनी लिमिट की गवाही वापस। फसल काटने को कंबाइन नहीं मिलेगी। पशु चारे के लिए भूसा नहीं बनाने दिया जाएगा। किराए पर ट्रैक्टर ट्रॉली नहीं मिलेगी। कोई खेत मजदूर नहीं मिलेगा। शादी, मौत या जन्म पर आना-जाना बंद। गुरुद्वारा साहिब से बर्तन अर्थी और श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का स्वरूप नहीं मिलेगा। बर्तन त्याग किया जाता है। उनका बेटा सुखदीप और महिला कभी गांव नहीं आ सकते। बिजली ठीक करने वाले नहीं मिलेंगे।

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